अफसर ने घूस के “1.42 करोड़ रिश्तेदारों के खातों में डलवाये

अफसर ने घूस के "1.42 करोड़ रिश्तेदारों के खातों में डलवाये

By Prabhat Khabar News Desk | December 3, 2020 9:01 AM

मेकन के सीनियर मैनेजर उपेंद्र नाथ मंडल ने बोकारो और दुर्गापुर स्टील प्लांट में काम दिला कर दो कंपनियों से 1.42 करोड़ रुपये लिये. रांची की ‘जिल इंडिया केमिकल्स’ ने इस अफसर के रिश्तेदारों के खाते में 48.55 लाख और चेन्नई की कंपनी ‘शिव मशीन टूल्स’ ने 94.39 लाख रुपये दिये.

इन कंपनियों ने यह रकम अफसर की पत्नी, भाई, भतीजा, सास और ससुर के बैंक खातों में जमा कराये. दुर्गापुर और बोकारो स्टील प्लांट में आधुनिकीकरण के काम के लिए मेकन को कंसल्टेंट नियुक्त किया गया था. मेकन ने यह जिम्मेदारी उपेंद्र नाथ मंडल को सौंपी थी. सीबीआइ जांच में इस बात की पुष्टि हुई है.

जांच में पाया गया है कि श्री मंडल मेटलर्जिकल विंग में सीनियर मैनेजर के पद पर पदस्थापित थे. इसलिए कंसल्टेंट के रूप में स्टील प्लांट से संबंधित टेंडरों का मूल्यांकन करने और आवश्यक उपकरण आदि पर होनेवाले अनुमानित खर्च का आकलन करने की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गयी थी. इन्होंने दुर्गापुर स्टील प्लांट के लिए मीडियम स्ट्रक्चरल मिल (एमएसएम) के टेंडर का मूल्यांकन किया. इसमें निर्धारित शर्तों का उल्लंघन कर रांची की कंपनी मेसर्स जिल इंडिया केमिकल्स के पक्ष में अपनी रिपोर्ट सौंपी.

इसके बाद इस कंपनी ने करूर वैश्य बैंक, स्टेट बैंक और आइसीआइसीआइ के माध्यम से मंडल के रिश्तेदारों के खाते में 94.39 लाख रुपये जमा किये. जांच के दौरान इस बात की भी जानकारी मिली कि पैसा लेने के लिए उपेंद्र मंडल ने सबसे पहले अपने मित्र विभूति भूषण प्रसाद से संपर्क कर एक ऐसे अकाउंट की मांग की जो ‘पैन’ से जुड़ा न हो.

विभूति ने कोकर स्थित बैंक ऑफ इंडिया के किसी बिन्नी कुमारी का बैंक अकाउंट उपलब्ध कराया. कंपनी ने बिन्नी के खाते में 4.11 लाख रुपये जमा कराये. इसे मंडल के रिश्तेदारों के खाते में ट्रांसफर कर दिया गया. जांच में यह भी पाया गया कि शिव मशीन टूल्स ने नस्कर सिरामिक के मालिक मिंटू नसकर के खाते में भी 70 लाख रुपये ट्रांसफर किये. बाद में यह राशि भी मंडल के रिश्तेदारों के खाते में ट्रांसफर कर दी गयी. शिव मशीन की ओर से सुरेश शाह, विद्या चरण, अनिल प्रवीण मिंटू नस्कर आदि ने उपेंद्र का रिश्तेदारों के खाते में पैसा जमा किये.

posted by : sameer oraon

Next Article

Exit mobile version