PARADISE ने खूंटी के बिरगांव में किया सहयोग, कंप्यूटर लेब की शुरुआत से स्टूडेंट्स के खिले चेहरे
Jharkhand News, Ranchi News, रांची : झारखंड की राजधानी रांची से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर है बिरगांव. अब इस गांव के बच्चे भी कंप्यूटर सीख सकेंगे. इसके तहत सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में कंप्यूटर लैब की शुरुआत की गयी है. इस स्कूल में करीब 550 स्टूडेंट्स पढ़ते हैं. यह स्कूल भारतीय शिक्षा पद्धति पर आधारित भारतीय संस्कृति और परंपरा को आगे रखकर ग्रामीण बच्चों को मानवीय मूल्यों पर आधारित उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करता है.
Jharkhand News, Ranchi News, रांची : झारखंड के खूंटी जिला अंतर्गत कर्रा प्रखंड के बिरगांव में ग्रामीण बच्चे अब कंप्यूटर का ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे. बिरगांव के सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में कंप्यूटर लैब की शुरुआत हुई है. सामाजिक संस्था पैराडाइज : द ग्रुप दैट जॉयफुली शेयर्स (PARADISE : The Group That Joyfully Shares) की ओर से कंप्यूटर लैब की शुरुआत की गयी है, ताकि बिरगांव के ग्रामीण बच्चे भी कंप्यूटर सीख सके.
झारखंड की राजधानी रांची से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर है बिरगांव. अब इस गांव के बच्चे भी कंप्यूटर सीख सकेंगे. इसके तहत सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में कंप्यूटर लैब की शुरुआत की गयी है. इस स्कूल में करीब 550 स्टूडेंट्स पढ़ते हैं. यह स्कूल भारतीय शिक्षा पद्धति पर आधारित भारतीय संस्कृति और परंपरा को आगे रखकर ग्रामीण बच्चों को मानवीय मूल्यों पर आधारित उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करता है.
बता दें कि बिरगांव के अधिकांश स्टूडेंट्स गरीब परिवार से आते हैं. खेतीहर और मजदूर वर्ग के अभिभावकों के बच्चे इस स्कूल में पढ़ते हैं. इस स्कूल में नाममात्र की फीस भी ली जाती है, लेकिन इस राशि से स्कूल की रोजमर्रा की जरूरतें ही बड़ी मुश्किल से पूरी हो पाती है. इसी कमी को कुछ हद तक खत्म करने में सामाजिक संस्था पैराडाइज की कोशिश है.
सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के स्टूडेंट्स को हिन्दी माध्यम से कक्षा 10 तक जैक बोर्ड के माध्यम से शिक्षित कराते परीक्षा में सम्मिलित कराया जाये. बता दें कि इस स्कूल का अपना भवन है. लेकिन कंप्यूटर शिक्षा की व्यवस्था नहीं थी जिसे सामाजिक संस्था पैराडाइज ने काफी हद तक रविवार को पूरा कर दिया है.
पैराडाइज संस्था के अध्यक्ष ऋषिकेश रायपत के मुताबिक, करीब डेढ़ लाख रुपये की लागत से इस स्कूल में बच्चों को कंप्यूटर की शिक्षा देने के लिए 8 डेस्कटॉप, एक प्रिंटर और 2 बड़ी बैटरी समेत एक इनवर्टर उपलब्ध कराया गया है, जबकि विद्यालय प्रबंधन की ओर से फर्नीचर आदि की व्यवस्था की गयी है.
इस मौके पर संस्था के अध्यक्ष ऋषिकेश रायपत ने कहा कि कंप्यूटर लैब की शुरुआत से यह आस जगी है कि अब ग्रामीण बच्चे भी कंप्यूटर का भलीभांति ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे. उन्होंने सभी दानदाताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी सहायता के बिना कुछ भी मुमकिन नहीं था. उन्होंने संस्था के कार्यों को भी बताया. साथ ही कहा कि संस्था की हर संभव कोशिश रहती है कि लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाया जा सके.
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Posted By : Samir Ranjan.