Jharkhand News: 3 माह देरी से एजी कार्यालय पहुंच रहे पेंशन के कागज, वित्त सचिव गंभीर
Jharkhand News: झारखंड में सरकारी कर्मचारियों के पेंशन के पेपर 6 माह पहले तैयार हो जाने चाहिए, लेकिन एजी ऑफिस पहुंचने में हो रही है 3 महीने की देरी.
Jharkhand News|रांची, मनोज लाल : झारखंड के अधिकतर सरकारी कार्यालयों में ‘ऑनलाइन पेंशन स्वीकृति’ के लिए निर्धारित समय सीमा का पालन नहीं हो रहा है. इससे सेवानिवृत्त हो रहे कर्मियों को पेंशन का लाभ मिलने में देरी हो रही है़
नियमानुसार ऑनलाइन पेंशन स्वीकृति की प्रक्रिया कर्मियों की सेवानिवृत्ति के तीन से छह माह पहले ही शुरू हो जानी चाहिए. हालत यह है कि करीब 47 प्रतिशत कर्मियों के ‘पेंशन प्रपत्र’ उनकी सेवानिवृत्ति के तीन माह से भी अधिक देरी से एजी कार्यालय को भेजे गये हैं. राज्य के वित्त सचिव ने इसे गंभीरता से लिया है.
- करीब 47 प्रतिशत कर्मियों के ‘पेंशन प्रपत्र’ सेवानिवृत्ति के तीन माह से भी अधिक देरी से एजी कार्यालय भेजे गये
- वित्त सचिव ने संबंधित अधिकारियों को लिखा पत्र, कहा : समय सीमा का पालन करें, वरना रोक देंगे वेतन
उन्होंने सभी अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव सहित सभी विभागाध्यक्षों, आयुक्त, उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक व अन्य अफसरों को पत्र लिख कर समय सीमा का पालन करने को कहा है. साथ ही चेतावनी दी है कि समय सीमा का अनुपालन नहीं करनेवाले संबंधित पदाधिकारी के वेतन पर रोक लगाने की कार्रवाई की जायेगी.
दरअसल, प्रधान महालेखाकार कार्यालय की ओर से वित्त सचिव को यह जानकारी दी गयी है कि वर्ष 2023-24 में राज्य सरकार के 516 राजपत्रित व 6415 अराजपत्रित पेंशनर के आवेदन एजी कार्यालय को मिले हैं. इनमें से सेवानिवृत्ति तिथि के पूर्व केवल सात प्रतिशत राजपत्रित और 15 प्रतिशत अराजपत्रित कर्मियों की पेंशन के आवेदन भेजे गये थे.
अन्य मामलों में सेवानिवृत्ति तिथि के बाद पेंशन स्वीकृति के लिए आवेदन एजी कार्यालय को भेजे गये. इनमें से 2061 आवेदनों में त्रुटियां थीं, जिन्हें संशोधन के लिए लौटा दिया गया. लौटाये गये इन आवेदनों में से 365 अब भी लंबित हैं. यहां तक कि करीब 47 प्रतिशत पेंशन प्रपत्र कर्मियों की सेवानिवृत्ति के बाद तीन माह से अधिक विलंब से एजी कार्यालय को भेजे गये.
वर्ष 2018 से ही लागू है ऑनलाइन पेंशन स्वीकृति प्रक्रिया
वित्त सचिव ने पत्र में लिखा है कि राज्य में वर्ष 2018 से ही ऑनलाइन पेंशन स्वीकृति व्यवस्था लागू है. इसके लिए विभिन्न चरणों में कार्यों के निबटारे के लिए समय सीमा भी निर्धारित है. कर्मियों द्वारा सेवानिवृत्ति के तीन से छह माह पहले ही अनिवार्य रूप से ‘पेंशन प्रपत्र’ निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी को दिया जाये.
वहीं, निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी कर्मी की सेवानिवृत्ति के दो माह पहले उसे स्वीकृति पदाधिकारी को भेजें. फिर स्वीकृति पदाधिकारी सारे दस्तावेज को कर्मी की सेवानिवृत्ति के एक महीने पहले महालेखाकार कार्यालय को भेज दें.
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