Jharkhand News : झारखंड का आदिम जनजाति बहुल गांव, जहां कोई बच्चा नहीं कर पाता ऑनलाइन पढ़ाई, ऐसे हुआ खुलासा
झारखंड के लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड के 93.6 प्रतिशत बच्चे ऑनलाइन शिक्षा से वंचित हैं. यह मामला एक सर्वे में सामने आया है. ये सर्वे बीते 14 से 16 सितंबर के बीच महुआडांड़ प्रखंड में किया गया था.
Jharkhand News, लातेहार न्यूज : झारखंड के लातेहार जिले के महुआडांड़ के माइल गांव में एक भी बच्चा ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पाता. आदिम जनजाति कोरवा समुदाय की दो बेटियां सुखंती व दुखंती पढ़ाई तक भूल चुकी हैं. स्थिति ये है कि बच्चों की पढ़ाई से रुचि कम होती जा रही है. पिछले दिनों हुए सर्वे में ये खुलासा हुआ है. प्रो ज्यां द्रेज एवं उनकी टीम ने 14 से 16 सितंबर के बीच महुआडांड़ प्रखंड में सर्वे किया था.
झारखंड के लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड के 93.6 प्रतिशत बच्चे ऑनलाइन शिक्षा से वंचित हैं. यह मामला एक सर्वे में सामने आया है. ये सर्वे बीते 14 से 16 सितंबर के बीच महुआडांड़ प्रखंड में किया गया था. सर्वे टीम में अर्थशास्त्री प्रो ज्यां द्रेज, नरेगा सहायता केंद्र के सभील नाथ पैकरा, पल्लवी कुमारी व अफसाना शामिल थे.
आपको बता दें कि इस सर्वे टीम ने लातेहार के महुआडांड़ प्रखंड का तीन दिवसीय दौरा किया था. इस टीम ने इस प्रखंड के आदिम जनजाति बहुल गांवों का दौरा किया था. प्रो ज्यां द्रेज ने कहा कि झारखंड के लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड के आदिम जनजाति बहुल क्षेत्रों में शिक्षा को लेकर काफी काम करने की जरूरत है. स्कूलों की शिक्षा में भी सुधार की जरूरत है.
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प्रो ज्यां द्रेज ने कहा कि विद्यालयों में भी शिक्षक कम आते हैं, जिससे जनजाति समुदाय में ऑनलाइन शिक्षा शून्य है. उन्होंने कहा कि सोहर पंचायत के कटहल टोली गांव के लालदेव कोरवा की दो बेटियां सुखंती व दुखंती ने बताया कि वह पढ़ाई भूल चुकी हैं. श्री द्रेज ने बताया कि प्रखंड के माइल गांव में एक भी बच्चा ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पाता है. ग्राम प्रधान पोलिका ठिठियो ने बताया कि बच्चों की पढ़ाई से रुचि कम होती जा रही है.
Posted By : Guru Swarup Mishra