Jharkhand News, Ranchi News, Rims Ranchi latest news रांची : राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स) में प्रतिबंध के बावजूद एमबीबीएस के नये छात्रों के साथ रैगिंग हो रही है. इंट्रोडक्शन (परिचय) के नाम पर सीनियर छात्र (2018 व 2019 बैच) नये छात्रों को प्रताड़ित कर रहे हैं. रात में चलनेवाली इस ‘प्रताड़ना की क्लास’ में सीनियर जमकर शराब, सिगरेट पीते हैं और जूनियरों के साथ गाली-गलौज व अभद्र व्यवहार करते हैं.
नये छात्र परेशान हैं, पर भयवश किसी से शिकायत नहीं कर रहे हैं. बुधवार रात सीनियर छात्रों ने नये छात्रों को कॉमन रूम में तीन घंटे तक खड़ा कराये रखा. उनसे मास्क हटाने को कहा गया. इसके बाद उनके मुंह पर सिगरेट की धुआं फेंका गया. एक-दूसरे के साथ अभद्र कार्य करने को कहा गया.
जानकारी के अनुसार, प्रताड़ना का यह दौर रात 12:30 बजे तक चला. इसके बाद जाते-जाते सीनियर छात्रों ने जूनियर छात्रों से कहा कि अभी हमारी परीक्षा चल रही है, इसलिए आराम कर लो.
20 दिन बाद जब परीक्षा समाप्त हो जायेगी तो दोबारा नये तरीके से परिचय सत्र चलाया जायेगा. वहीं, गुरुवार सुबह भी सीनियर छात्रों ने जूनियर को व्हाट्सऐप मैसेज भेजकर शाम पांच बजे हॉस्टल नंबर-1 में आने को कहा गया. हालांकि, मामले की जानकारी निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद को मिल गयी और वे शाम पांच बजे रिम्स हॉस्टल पहुंच गये. जैसे ही इसकी भनक सीनियरों को मिली, उन्होंने अपना मंशा पर विराम लगा दिया.
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कोई बॉस को हाथ जोड़कर प्रणाम नहीं करेगा
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हमेशा आंखें नीचे रखनी होगी
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अपने नाम के आगे कन्या जोड़ना होगा
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बॉस के नाम के आगे आदरणीय या वरीय लगाना होगा
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पढ़ाई से पहले सभी बॉस का नाम पता कर लेना होगा
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प्रभात खबर के पास हैं रैगिंग के सबूत, व्हाट्सऐप से जूनियर को भेजा मैसेज
रिम्स में रैगिंग रोकने के लिए सेंट्रल एंटी रैगिंग कमेटी और एंटी रैगिंग सेल हैं. बताया जाता है कि रैगिंग रोकने के लिए अलग-अलग समितियां काम करती हैं, लेकिन वास्तव में ये समितियां सिर्फ नाम की हैं. रैगिंग का मामला आने पर एंटी रैगिंग सेल सक्रिय हो जाता है, लेकिन बाद में सब शांत पड़ जाते हैं.
राघवन समिति की सिफारिशों के आधार पर रैगिंग की रोकथाम के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 10 फरवरी 2009 को सभी शिक्षा संस्थानों को दिशा-निर्देश जारी किया था. यूजीसी ने भी मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज व तकनीकी कॉलेज को रैगिंग रोकने को लेकर आदेश जारी किया है.
रैगिंग से संबंधित मामले की जानकारी मिली है. एंटी रैगिंग कमेटी व हॉस्टल वार्डन को हॉस्टल संख्या एक व अन्य हॉस्टल में जांच के लिए भेजा गया था, लेकिन कुछ पुख्ता जानकारी नहीं मिली है. ऐसे विद्यार्थियों को चिह्नित किया जायेगा व सख्त कार्रवाई की जायेगी.
डॉ आरके पांडेय, डीन स्टूडेंट वेलफेयर कमेटी
किसी ने हॉस्टल में रैगिंग की सूचना दी थी, लेकिन वहां जाने पर कुछ नहीं मिला. लगता है यह बातें गलत है.
डॉ कामेश्वर प्रसाद, निदेशक रिम्स
Posted By : Sameer Oraon