झारखंड हाइकोर्ट ने मुख्यमंत्री हेमंत के करीबियों द्वारा शेल कंपनियों में निवेश करने व अनगड़ा में माइनिंग लीज आवंटन मामले में दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए फटकार लगायी. चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि कोर्ट को सौंपे गये दस्तावेजों को देखने से लगता है कि मामला जनहित से जुड़ा है और महत्वपूर्ण है.
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खंडपीठ ने रांची डीसी के स्पष्टीकरण को देखने व प्रार्थी का जवाब सुनने के बाद गंभीर टिप्पणी करते हुए सरकार से पूछा कि क्या कोई आरोपी अधिकारी कोर्ट में शपथ पत्र दायर कर सकता है? उपायुक्त रांची किस-किस मामले में आरोपी है. उस मामले की क्या स्थिति है. ट्रायल का क्या स्टेटस है.
इस पर महाधिवक्ता राजीव रंजन ने शपथ पत्र के माध्यम से जानकारी देने की बात कही. इडी व प्रार्थी की आइए याचिका पर जवाब देने के लिए राज्य सरकार की और से समय देने का आग्रह किया गया, जिसे खंडपीठ ने स्वीकार कर लिया.