सिरमटोली और कांटाटोली फ्लाइओवर को आपस में जोड़ने के लिए पथ निर्माण विभाग ने डिजाइन तैयार कर लिया है. इसी डिजाइन के अनुरूप अब डीपीआर तैयार कराया जायेगा. यह फ्लाइओवर पटेल चौक से शुरू होगा.
पथ निर्माण विभाग अंडरपास बनाने और दोनों फ्लाइओवर को जोड़ने की योजना पर मंथन कर रहा था. अंत में यह तय हुआ कि फ्लाइओवर को आपस में जोड़ दिया जाये तथा सिरमटोली चौक के पास ही वाहनों के चढ़ने और उतरने की व्यवस्था हो, जिससे जाम की समस्या नहीं होगी.
फ्लाइओवर के बनने के बाद रांची का नजारा कुछ ऐसा दिखेगा. रांचीवासियों को जाम की समस्या से निजात मिलने की उम्मीद है.
सिरमटोली चौक के पास फ्लाइओवर से उतरने और चढ़ने दोनों के लिए रैंप तैयार किया जायेगा.
फ्लाइओवर का एक रैंप रेलवे स्टेशन की ओर और दूसरा रैंप क्लब रोड की ओर जायेगा. राहगीर फ्लाइओवर से उतर कर इन मार्गों की ओर जा सकेंगे.
वहीं, इन मार्गों से आने वाले वाहन भी फ्लाइओवर पर चढ़ सकेंगे. हाल ही में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने फ्लाइओवर की स्थिति देखी थी. इसके बाद उन्होंने सिरमटोली के पास भविष्य में लगने वाले जाम से अधिकारियों को अवगत कराया था. उन्होंने कहा कि दोनों फ्लाइओवर का निर्माण अभी हो रहा है. ऐसे में आगे चल कर जाम न हो, इसकी पूरी व्यवस्था कर लें.
अधिकारियों ने बताया कि इसके लिए सिरमटोली चौक के पास भू-अर्जन की जरूरत होगी. कितनी जमीन लेनी है, इसका सर्वे करा लिया गया है. अब भू-अर्जन की दिशा में भी कार्रवाई की जायेगी. साथ ही योजना को स्वीकृति देने की कार्रवाई होगी.
वर्ष 2016 में कांटाटोली फ्लाइओवर बनाने की योजना तैयार की गयी थी. मई 2018 में भू-अर्जन का काम पूरा कर जून 2018 में क्लियरेंस के बाद काम शुरू किया गया. फ्लाइओवर को जून 2020 तक पूरा करना था. लेकिन, वर्ष 2022 तक यह काम पूरा नहीं हुआ है. इस बीच फ्लाइओवर की लंबाई 2400 मीटर करते हुए कोकर शांति नगर-कांटाटोली चौक होते हुए योगदा सत्संग आश्रम तक बनाने का निर्णय लिया गया.
शांति नगर से कांटाटोली चौक तक दोनों ओर सर्विस लेन का निर्माण किया जा रहा है. इसके साथ ही ड्रेन और कलवर्ट का काम भी तेजी से किया जा रहा है.
कांटाटोली-सिरमटोली फ्लाइओवर का निर्माण कार्य जल्द पूरा करने के लिए पुरजोर कोशिश हो रही है. उम्मीद है कि अगले एक से डेढ़ साल में इन तीनों प्रोजेक्ट को पूरा कर सरकार के हवाले कर दिया जायेगा.
वर्ष 2016 में कांटाटोली फ्लाइओवर बनाने की योजना तैयार की गयी थी. मई 2018 में भू-अर्जन का काम पूरा कर जून 2018 में क्लियरेंस के बाद काम शुरू किया गया. फ्लाइओवर को जून 2020 तक पूरा करना था. लेकिन, वर्ष 2022 तक यह काम पूरा नहीं हुआ है.