Jharkhand News : झारखंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (जेयूटी) की ओर से राज्य सरकार से नियमावली स्वीकृत कराये बगैर ही तकनीकी संस्थानों को संबद्धता दी जा रही है. जेयूटी का गठन 2015 में हुआ. लेकिन, शैक्षणिक संचालन का कार्य 2018 से शुरू किया गया. 2019 में नियमावली बनाने का कार्य शुरू हुआ. अब तक न तो नियमावली बनी और न ही इसे राज्य सरकार व राज्यपाल सह कुलाधिपति की स्वीकृति मिली है. इसके बावजूद विवि की ओर से निरीक्षण दल का गठन कर संबद्धता देने का कार्य किया जा रहा है. नियमावली नहीं रहने के कारण ही विवि अंतर्गत कई सरकारी संस्थानों को अब तक स्थायी संबद्धता नहीं मिल पायी है.
विवि अंतर्गत वर्तमान में लगभग 84 सरकारी, पीपीपी मोड, प्राइवेट के तहत इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक, फार्मेसी व प्रबंधन संचालित हैं. विवि की ओर से एआइसीटीइ के मापंदड को आधार बनाते हुए वैसे संस्थानों को संबद्धता प्रदान की जा रही है, जिन्हें एआइसीटीइ द्वारा संबद्धता दी गयी है. विवि का अपना कोई नियमावली नहीं है और न ही संबद्धता प्रदान करने के लिए दिशा-निर्देश प्राप्त है. नियमावली नहीं रहने की स्थिति में विवि की ओर से राज्यपाल सह कुलाधिपति द्वारा भी स्वीकृति नहीं ली गयी है. तकनीकी संस्थानों में यदि किसी पाठ्यक्रम में सीटों की संख्या घटाना या बढ़ाना होता है, तो एआइसीटीइ से से निर्देश प्राप्त करनेवाले संस्थानों को पुन: विवि से स्वीकृति प्राप्त करना अनिवार्य है.
विवि अंतर्गत 10 प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज, तीन पीपीपी मोड इंजीनियरिंग कॉलेज, दो सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज, पांच एमबीए संस्थान, एक एमसीए संस्थान, चार एमटेक संस्थान, एक फार्मेसी संस्थान, दो एचएमसीटी डिग्री प्रोग्राम, एक एचएमसीटी डिप्लोमा प्रोग्राम, एक आर्किटेक्ट संस्थान, एक डिप्लोमा फार्मेसी संस्थान, 25 सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज, आठ पीपीपी मोड पॉलिटेक्निक कॉलेज व 16 प्राइवेट पॉलिटेक्निक कॉलेज संचालित हैं.
झारखंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के रजिस्ट्रार डॉ एके चौधरी ने कहा कि संबद्धता के लिए नियमावली व स्टैच्यूट बनाने का कार्य प्रक्रिया में है. छात्रहित में झारखंड विवि एक्ट व एआइसीटीइ के मापदंड के आधार पर संबद्धता देने का कार्य चल रहा है. इसके लिए शिड्यूल जारी किया गया है.
Posted By : Rahul Guru