Jharkhand News: झारखंड में मुखिया से लेकर पंचायत सचिव और रोजगार सेवक तक हड़ताल पर हैं. इसका सीधा असर पंचायतों के कामकाज पर दिख रहा है. पंचायतों के कई महत्वपूर्ण कार्य ठप हो गये हैं. आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम पर भी इसका असर पड़ रहा है. मुखिया की हड़ताल से सरकार की कई महत्वपूर्ण योजनाओं के आवेदन आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं.
झारखंड के 13 जिलों में ग्राम सभा का पूर्ण अधिकार मुखिया को ही है. ऐसे में इससे संबंधित कार्य प्रभावित होंगे. कर्मियों ने बताया कि पंचायत सचिव, मुखिया और रोजगार सेवक पंचायत भवनों की रीढ़ हैं. वही पंचायत भवनों का संचालन करते हैं. तीनों हड़ताल पर हैं और पंचायत भवनों में ही सरकार आपके द्वार कार्यक्रम का संचालन हो रहा है.
पंचायत सचिव ही लाभुकों का करते हैं सत्यापन
पंचायत सचिव के काम नहीं करने से अबुआ आवास योजना, पीएम आवास योजना, मनरेगा, सामाजिक सुरक्षा की योजनाएं, आपकी सरकार-आपके द्वार कार्यक्रम पर असर पड़ रहा है. इन सारे कार्यों के क्रियान्वयन की जिम्मेवारी पंचायत सचिव पर है. पंचायत सचिव ही लाभुकों का सत्यापन करते हैं. योग्य या अयोग्य वही तय करते हैं.
रांची में 4400 आवेदन लंबित
राज्य में आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम में शिकायतों के निबटारा के साथ प्रमाण पत्रों के लिए आवेदन लिये जा रहे हैं, लेकिन मुखिया की हड़ताल से काम प्रभावित हो रहा है. रांची जिला में आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम के शिविर में 4,416 आवेदन जमा हुए हैं, जिनमें से सिर्फ 16 का निबटारा हुआ है, जो कुल आवेदन का मात्र 0.36 फीसदी है. अभी भी जिले में 4,400 आवेदन लंबित है.
उपमुखिया को दिया प्रभार, वे भी आंदोलन में शामिल
कई जिलों ने अपने स्तर से मुखिया का प्रभार उप मुखिया को दे दिया है. उप मुखिया के स्तर पर सरकार आपके द्वार कार्यक्रम से जुड़े काम आगे बढ़ाये जा रहे हैं. लेकिन झारखंड प्रदेश मुखिया संघ के अध्यक्ष सोमा उरांव ने दावा किया है कि हर जिले में उपमुखिया भी धरना पर हैं. वह भी आंदोलन में साथ हैं. ऐसे में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत लोगों से आवेदन लेकर उसे कंप्यूटर ऑपरेटर से अपलोड कराया जा रहा है. लेकिन बिना मुखिया के हस्ताक्षर के हर विभाग के आवेदन सिर्फ अपलोड हो रहे हैं, कोई काम नहीं हो रहा है.
मनरेगा से संबंधित सभी कार्य ठप
राज्यभर के रोजगार सेवक से लेकर मनरेगा के सारे कर्मी हड़ताल पर हैं. ऐसे में मनरेगा से संबंधित सभी कार्य ठप पड़ गये हैं. मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराना भी मुश्किल हो रहा है. पौधरोपण के साथ खेल मैदान तैयार करने सहित अन्य कार्य प्रभावित हो गये हैं.