Jharkhand News: सिंहभूम 3.2 अरब साल पहले था दुनिया का सबसे गर्म समुद्र तट, वैज्ञानिकों का दावा
Jharkhand News: झारखंड का सिंहभूम जिला कभी विश्व का सबसे गर्म समुद्र तट हुआ करता था. 3 देशों के वैज्ञानिकों ने शोध रिपोर्ट में यह दावा किया है.
Jharkhand News: झारखंड का सिंहभूम जिला ओडिशा से सटा है. ओडिशा के पुरी स्थित समुद्र तट से सिंहभूम जिले की दूरी करीब 300 किलोमीटर है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि कभी सिंहभूम दुनिया का सबसे गर्म समुद्र तट हुआ करता था?
अमेरिका के नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में छपी रिपोर्ट
जी हां, सिंहभूम के बारे में एक नई खोज सामने आई है, जिसमें कहा गया है कि विश्व का पहला समुद्र तट यहीं (सिंहभूम में) था. वह भी करीब 3.2 अरब साल पहले. अमेरिका के नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में छपे इस रिसर्च से पहले एक शोध प्रकाशित हुआ था, जिसमें कहा गया था कि 2.5 अरब साल पहले महाद्वीप अस्तित्व में आए थे. नए शोध ने उस रिपोर्ट को गलत साबित कर दिया है.
मोनाश यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक प्रियदर्शी चौधरी ने किया शोध
भारत, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों ने अपने हालिया रिसर्च में दावा किया है कि उन्हें सिंहभूम में इस बात के पक्के सबूत मिले हैं कि यहां कभी समुद्र तट हुआ करता था. मोनाश यूनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिक प्रियदर्शी चौधरी, जो इस रिसर्च के प्रमुख शोधकर्ता हैं, ने यह दावा किया है. उन्होंने कहा कि 3.1 अरब साल पुरानी चट्टानों के जिरकोण कणों के अध्ययन में नदियों और समुद्र के होने के प्रमाण मिले हैं. इससे साबित होता है कि झारखंड के इस भू-भाग पर कभी महाद्वीप हुआ करते थे.
भारत, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिक शोध में शामिल
शोध रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने कहा है कि इस बात पर बहस जारी है कि धरती के अंदर से निकले मैग्मा ने महाद्वीपों के निर्माण में भूमिका निभाई होगी. लेकिन, एक तथ्य पर सभी वैज्ञानिक सहमत हैं कि प्लेट टेक्टोनिक्स की वजह से करीब 2.5 अरब वर्ष पहले समुद्र से महाद्वीपों का ऊपर आना शुरू हो गया था. भारतीय, ऑस्ट्रेलियाई और दक्षिण अफ्रीकी वैज्ञानिकों ने कहा है कि सिंहभूम क्रेटन लगभग 3.2 अरब साल पहले समुद्र से ऊपर आ गया था.
क्रेटंस की उत्पत्ति सबसे पहले झारखंड के सिंहभूम में हुई
वैज्ञानिकों का कहना है कि क्रेटंस की उत्पत्ति सबसे पहले वहीं हुआ था, जहां आज झारखंड का सिंहभूम जिला है. क्रेटंस समुद्रतल से निकलने वाले धरती के बड़े भू-भाग के शुरुआती केंद्र को कहा जाता है, जिसे अब हमलोग महाद्वीप कहते हैं. सिंहभूम के अलावा दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में भी ऐसे ही क्रेटंस मिले थे.