Jharkhand News : झारखंड में करोड़ों रूपये खर्च करके लगाए गये इतने पौधे लेकिन आधे से ज्यादा पौधे का कहीं अता पता नहीं

योजना शुरू होते ही कई जिलों के लाभुकों ने बीमारू पौधे देने की शिकायत की. एक लाभुक ने तो एक एकड़ में लगे फलदार पौधों के चोरी हो जाने की शिकायत दर्ज करायी. कुछ ने हाथियों द्वारा फलदार पौधों को खा लिये जाने की शिकायत की. तमाम शिकायतों के मद्देनजर योजना में गड़बड़ी की आशंका जतायी जा रही है. पौधों की खरीद के लिए सरकार ने 15 नर्सरियों का चयन किया था. इनमें अोड़िशा की एक नर्सरी तथा झारखंड व पश्चिम बंगाल की सात-सात नर्सरी शामिल हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | March 11, 2021 11:45 AM

Jharkhand News, Ranchi News, Plant Scam In Jharkhand रांची : बिरसा हरित ग्राम योजना में प्रति एकड़ 3.56 लाख रुपये खर्च करके पौधे लगाये गये, लेकिन कुल पौधों में से 41 प्रतिशत तक मर गये. लगभग 920 करोड़ रुपये खर्च कर राज्य में 26000 एकड़ भूमि पर पौधे लगाने का दावा किया गया है. पिछले साल सिर्फ पांच प्रतिशत पौधे ही मरे थे. बीमारू पौधों की आपूर्ति और रखरखाव की कमी को मुख्य कारण बताया जा रहा है.

योजना शुरू होते ही कई जिलों के लाभुकों ने बीमारू पौधे देने की शिकायत की. एक लाभुक ने तो एक एकड़ में लगे फलदार पौधों के चोरी हो जाने की शिकायत दर्ज करायी. कुछ ने हाथियों द्वारा फलदार पौधों को खा लिये जाने की शिकायत की. तमाम शिकायतों के मद्देनजर योजना में गड़बड़ी की आशंका जतायी जा रही है. पौधों की खरीद के लिए सरकार ने 15 नर्सरियों का चयन किया था. इनमें अोड़िशा की एक नर्सरी तथा झारखंड व पश्चिम बंगाल की सात-सात नर्सरी शामिल हैं.

चुनिंदा नर्सरियों से पौधों की खरीदारी हुई थी :

बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत फलदार पौधा लगाने के लिए सरकार ने चुनिंदा नर्सरियों से पौधों की खरीदारी की थी. खास प्रजाति के आम के पौधे 71 रुपये, अमरूद के 62 रुपये और नीबू के पौधे 42 रुपये प्रति की दर से खरीदे गये. फलदार पौधा लगाने के लिए प्रति एकड़ 3.56 लाख रुपये खर्च हुए. इसमें अकुशल और अर्द्धकुशल मजदूरों की मजदूरी के रूप में 2.81 लाख रुपये तथा पौधा व खाद की लागत 77.38 हजार रुपये शामिल हैं. पौधे लगाये जाने के बाद से ही लोगों ने इसके बीमारू होने की शिकायत शुरू कर दी.

सबसे पहले धनबाद के किसानों ने की शिकायत :

सबसे पहले धनबाद के किसानों ने पौधों के मर जाने की शिकायत की. कहा कि उन्हें पौधों के बदले टहनी दे दी गयी थी. लातेहार के टेमकी गांव के संजय उरांव नामक लाभुक ने तो नवंबर 2020 में थाने में एक एकड़ में लगे आम के पौधे की चोरी हो जाने की लिखित शिकायत की. उसने इसकी सूचना मुखिया, रोजगार सेवक और पंचायत सेवक को दी.

इसके बाद इन लोगों ने टीम बनाकर जांच की. हालांकि कुछ पता नहीं चला. एक लाभुक ने हाथियों द्वारा पौधे खा लिये जाने की शिकायत की. इस तरह की शिकायतों को देखते हुए योजना में गड़बड़ी की आशंका जतायी जा रही है. सोशल ऑडिट की टीम ने बिरसा हरित ग्राम योजना के ऑडिट के बाद अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है.

आम तौर पर पांच फीसदी पौधे मरते हैं :

रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में सिर्फ तीन जिले ही ऐसे हैं,जहां पांच प्रतिशत तक पौधे मरे हैं. साहिबगंज और पाकुड़ में 40 से 41 प्रतिशत तक पौधे मर गये हैं. दुमका और धनबाद में 16-20 प्रतिशत पौधे मर गये हैं. कुल मिला कर राज्य के 13 जिले ऐसे हैं, जिनमें 10 प्रतिशत से अधिक पौधे मर गये हैं. बीएयू के विशेषज्ञों के अनुसार स्वस्थ पौधों और सही रखरखाव की स्थिति में अधिकतम पांच प्रतिशत पौधे ही मरते हैं.

योजना का लक्ष्य पूरा करने का दावा

सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष दौरान बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत कुल 25,695.33 एकड़ में फलदार पौधों को लगाने का लक्ष्य तय किया था. इसके तहत कुल 30,023 लोगों को लाभान्वित करने और 26.41 लाख फलदार पौधों को लगाने का लक्ष्य था. सरकार ने इस लक्ष्य को पूरा करने का दावा किया है.

कहां से हुई पौधों की आपूर्ति

शक्ति नर्सरी कटक,ओड़िशा

राजमहल नर्सरी साहिबगंज

न्यू देश प्राण नर्सरी 24 परगना,पश्चिम बंगाल

असीमा नर्सरी 24 परगना,पश्चिम बंगाल

नारायण हॉर्टिकल्चर हातमा,रांची

ओम नर्सरी 24 परगना,पश्चिम बंगाल

फल उद्योग नर्सरी महिलौंग,रांची

वृंदावन नर्सरी हरमू,रांची

आदित्य हाइटेक नर्सरी लोहरदगा

शांति नर्सरी 24 परगना, पश्चिम बंगाल

बानाश्री नर्सरी पश्चिम बंगाल

ग्रीन गार्डन इंटरप्राइजेज आनंदी,ओरमांझी

जनप्रिया नर्सरी 24 परगना,पश्चिम बंगाल

दास नर्सरी पश्चिम बंगाल

प्रकाश नर्सरी बिरसा बस स्टैंड रांची

  • बिरसा हरित ग्राम योजना में गड़बड़ी की आशंका

  • पौधे लगाने में प्रति एकड़ “3.56 लाख रुपये खर्च किये गये

  • झारखंड व पश्चिम बंगाल की सात-सात व ओड़िशा की एक नर्सरी से खरीदे गये पौधे

सबसे पहले धनबाद के किसानों ने की शिकायत
मरे पौधों का ब्योरा
जिला मृत पौधे

  • लोहरदगा 3.81

  • खूंटी 4.64

  • बोकारो 5.17

  • रांची 6.14

  • सरायकेला 7.69

  • गुमला 7.98

  • पू सिंहभूम 8.23

  • सिमडेगा 9.09

  • लातेहार 9.60

  • कोडरमा 9.89

  • रामगढ़ 10.49

  • प सिंहभूम 10.68

जिला मृत पौधे

  • हजारीबाग 11.60

  • गिरिडीह 12.00

  • देवघर 12.04

  • गढ़वा 12.60

  • चतरा 13.19

  • पलामू 14.44

  • दुमका 16.95

  • धनबाद 20.44

  • गोड्डा 27.12

  • जामताड़ा 28.62

  • साहेबगंज 40.15

  • पाकुड़ 41.65

Posted By : Sameer Oraon

Next Article

Exit mobile version