Jharkhand News, रांची : झारखंड के प्रसिद्ध कथाकार रणेंद्र आनंद सागर स्मृति कथाक्रम सम्मान- 2024 से सम्मानित होंगे. 9 नवंबर को इन्हें लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया जाएगा. कथाक्रम सम्मान समिति के सदस्यों ने यह निर्णय लिया है. यह प्रतिष्ठित पुरस्कार हर साल एक कथाकार को दिया जाता है. इससे पहले यह सम्मान कमलाकांत त्रिपाठी, चंद्रकिशोर जायसवाल, पंकज मित्र, ओमप्रकाश वाल्मिकी, शिवमूर्ति, असगर वजाहत, मैत्रेयी पुष्पा, दूधनाथ सिंह समेत कई लोगों को दिया जा चुका है.
कौन हैं कथाकार रणेंद्र
कथाकार रणेंद्र झारखंड के प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर अपनी सेवा दे चुके हैं. साल 2020 में वे सेवानिवृत्त हुए और इसके बाद वे अप्रैल 2024 तक झारखंड सरकार के जनजातीय कल्याण शोध संस्थान के निदेशक रहे. वह साल 2003 में प्रकाशित अपने पहले उपन्यास ‘ग्लोबल गांव का देवता’ से हिंदी जगत में चर्चा में आए. वर्ष 2021 में प्रकाशित उनके तीसरे उपन्यास ‘गूंगी रुलाई का कोरस’ ने उन्हें और अधिक ख्याति दिलाई. इससे पहले 2014 में प्रकाशित उनका उपन्यास ‘गायब होता देश’ भी लोगों को खूब पंसद आया.
पहले भी मिल चुके हैं कई सम्मान
इन उपन्यासों में रणेंद्र ने आदिवासी जीवन, समाज और संस्कृति का वर्णन बहुत ही शानदार ढंग से किया है. इन उपन्यासों को लिखने के अलावा उन्होंने चार खंडों में प्रकाशित झारखंड एनसाइक्लोपीडिया का भी संपादन किया. बता दें कि इससे पहले भी उन्हें कई सम्मान मिल चुके हैं. इनमें जेसी जोशी स्मृति जनप्रिय लेखक सम्मान, बनारसी प्रसाद भोजपुरी सम्मान, पहला विमला देवी स्मृति सम्मान, ढींगरा फाउंडेशन अंतरराष्ट्रीय कथा सम्मान और प्रेमचंद कथा सम्मान प्रमुख है.