तैमारा घाटी फैक्ट चेक: मोबाइल में न समय बदला और न तारीख, Prabhat Khabar ने की पूरी पड़ताल
हमारी टीम कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय नामकुम पहुंची. यहां समय और वर्ष में बदलाव की बात सबसे अधिक वायरल हो रही है. हमने विद्यालय के गार्ड से लेकर शिक्षक तक से बात की. विद्यालय के गेट पर ही महिला गार्ड मिली. उसने कहा कि एक बार शायद हुआ था. यह पूछने पर कि कब हुआ था, उसने कहा कि ठीक से याद नहीं है.
सुनील कुमार झा, रांची: रांची-जमशेदपुर रोड में नामकुम प्रखंड के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय व तैमारा घाटी के आसपास मोबाइल में समय व वर्ष बदलने की रहस्यमयी घटना इन दिनों चर्चा में है. कहा जा रहा है कि मोबाइल में तिथि डेढ़ वर्ष आगे चली जाती है. मोबाइल में होनेवाले इस बदलाव को देखने-समझने प्रभात खबर की टीम शनिवार को तैमारा घाटी पहुंची. टीम करीब चार घंटे तक उस जगह पर रही और लोगों से बातचीत की. यह खबर जहां से निकली, उस स्कूल के अलावा आसपास के स्कूलों में भी गयी. लेकिन इस चार घंटे के दौरान टीम के सदस्यों के मोबाइल में न तो समय बदला और न ही वर्ष.
इन जगहों पर तथ्य की पड़ताल की
राजकीयकृत उत्क्रमित मध्य विद्यालय जामचुआं : कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के शिक्षकों के मोबाइल में यह बदलाव की बात सामने आयी थी. विद्यालय में उपस्थिति बनाने के दौरान बदलाव के कारण उपस्थिति दर्ज नहीं हो पाने की बात कही गयी थी. कस्तूरबा विद्यालय नामकुम के दूसरी ओर राजकीयकृत उत्क्रमित मध्य विद्यालय, जामचुआं है. विद्यालय की प्रभारी अलका रानी देमता से बात की. प्रभारी प्रधानाध्यापिका ने बताया कि उन्हें ऐसी समस्या कभी नहीं हुई. विद्यालय के एक शिक्षक कभी-कभी इस तरह की शिकायत करते हैं, पर यह केवल उन्हीं के मोबाइल में होता है. हमने इस संबंध में स्थानीय लोगों से भी बात की. लोगों ने कहा कि सुनते तो हम भी हैं, पर मोबाइल में कभी देखा नहीं.
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय नामकुम
हमारी टीम कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय नामकुम पहुंची. यहां समय और वर्ष में बदलाव की बात सबसे अधिक वायरल हो रही है. हमने विद्यालय के गार्ड से लेकर शिक्षक तक से बात की. विद्यालय के गेट पर ही महिला गार्ड मिली. उसने कहा कि एक बार शायद हुआ था. यह पूछने पर कि कब हुआ था, उसने कहा कि ठीक से याद नहीं है. विद्यालय की शिक्षिका बागेश्वरी ने कहा कि समय व वर्ष तो बदलता है, लेकिन हर समय नहीं बदलता. हमने पूछा पिछले दिनों कब बदला था, तो बोली आठ जुलाई को बदला था.
मोबाइल कंपनियों ने शुरू की जांच
समय बदलाव की खबर वायरल होने के बाद मोबाइल कंपनियों ने इसकी जांच शुरू की है. शनिवार को तीन टेलीकॉम कंपनियों की टीम पहुंची थी, पर कोई फैक्ट नहीं मिला. जांच में यह जानने का प्रयास किया गया कि यह किसी कंपनी विशेष के मोबाइल या नेटवर्क में तो नहीं हो रहा है.
फैक्ट चेक
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कस्तूरबा गांधी स्कूल से लेकर मंदिर तक गयी टीम, पर कुछ नहीं बदला
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ये तथ्य हुए उजागर
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मोबाइल में समय व वर्ष में बदलाव का निश्चित समय कोई नहीं बता पाया
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एक ही समय पर एक साथ एक जगह पर बैठे लोगों के मोबाइल में कभी नहीं दिखा कोई बदलाव