रांची : प्याज की कीमत पर नियंत्रण के लिए भारत सरकार ने इसे फिर से आवश्यक वस्तु अधिनियम (एसेंशिएल कमोडिटी एक्ट) में शामिल कर लिया है. सितंबर के अंतिम सप्ताह में केंद्र सरकार ने प्याज को आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे से बाहर कर दिया था. पूरे देश में प्याज की कीमत तेजी से बढ़ रही है.
एक सप्ताह पहले तक 40-45 रुपये प्रति किलो के आसपास प्याज की कीमत थी. यह बाजार में अभी 70 से 80 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. भारत सरकार ने कानून बनाकर इस पर कार्रवाई का प्रावधान कर दिया है. इस तरह अब झारखंड सरकार भी इस पर सख्ती करेगी.
यहां भी जमाखोरी पर सरकार नजर रखेगी. इससे जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई हो सकेगी. खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा है कि किसी भी हाल में खाद्य सामग्री की जमाखोरी नहीं होने दी जायेगी.
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि एक्ट के उल्लंघन के मामले जो भी दोषी पाये जाते हैं, उन पर कार्रवाई होगी. ऐसा इन वस्तुओं की कीमतों पर बेतहाशा वृद्धि पर अंकुश लगाने के लिए किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इन वस्तुओं की स्टॉक सीमा तय है, तय सीमा से ज्यादा रखना गैरकानूनी होगा.
झारखंड में प्याज का उत्पादन बहुत ही कम है. यह देश के कुल उत्पादन में मात्र एक फीसदी के आसपास ही शेयर कर पाता है. प्याज का उत्पादन भी पिछले साल (2019) औसत से कम हुआ था. 2013 से 2018 के बीच झारखंड में प्याज का औसत उत्पादन 295 हजार टन था. इसकी तुलना में 2019 में 287 हजार टन के आसपास हुआ.
यह देश के कुल उत्पादन का करीब 1.22 फीसदी था. पूरे देश में सबसे अधिक प्याज का उत्पादन महाराष्ट्र में होता है. यहां देश के कुल उत्पादन के करीब 35 से 36 फीसदी प्याज की पैदावार होती है. व्यापारियों के अनुसार, झारखंड में मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से ही प्याज आता है. इन राज्यों से ही अधिक कीमत पर प्याज भेजा जा रहा है. इस कारण प्याज की कीमत बढ़ी हुई है.
पूरे मामले की समीक्षा होगी. राज्य में कितना स्टॉक है, कहां से प्याज व आलू आता है. सब देखा जायेगा. खाद्य सामग्री की जमाखोरी होने नहीं दी जायेगी.-डॉ रामेश्वर उरांव, मंत्री
आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955 में सरकार के आदेश का उल्लंघन करने पर कम से कम तीन माह तथा अधिकतम सात वर्ष तक जेल की सजा का प्रावधान है.
इसके अतिरिक्त जुर्माना भी लिया जायेगा. भारत सरकार ने इसी अधिनियम में संशोधन कर आलू, प्याज, तेल व कई अन्य खाद्य सामग्री को आवश्यक वस्तु संशोधन नियम से हटा दिया था. लेकिन, प्रावधान रखा था कि अगर कीमत दोगुनी से अधिक बढ़ जायेगी, तो सरकार फिर इसे दायरे के अंदर लाकर कीमत नियंत्रण की कोशिश करेगी.
एक माह से झारखंड में प्याज की अावक घटी है. पंडरा बाजार की थोक मंडी में पहले एक दिन में 15 से 20 ट्रक प्याज आता था. यह एक सप्ताह से 10 ट्रक के आसपास रह गया है. प्याज के व्यापारी बताते हैं कि मुख्य रूप से नासिक, यूपी और मप्र से प्याज आते हैं. थोक मंडी में प्याज की कीमत अधिक होने के कारण आवक कम हो गयी है.
posted by : sameer oraon