उम्र कैद की सजा काट रहे राज्य के ये 26 कैदी होंगे रिहा, झारखंड सरकार का निर्देश, जानें किस वजह से लिया गया ये फैसला
चार दिसंबर 2020 और 25 फरवरी 2021 को हुई बैठक में पर्षद ने इन कैदियों की उम्र व न्यायालय व पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर इन्हें रिहा करने का फैसला किया है.
Jharkhand News, Ranchi News, life imprisonment release in jharkhand रांची : राज्य सरकार ने सजा पुनरीक्षण पर्षद के फैसले के आलोक में हत्या के मामलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 26 कैदियों को रिहा करने का आदेश जारी कर दिया है. साथ ही इन कैदियों की सूची भी जारी कर दी है. जारी सूची के अनुसार, बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल ( Birsa Munda Central Jail ) (रांची), मेदिनीनगर और हजारीबाग जेल से पांच-पांच कैदी, बोकारो जेल से दो, घाघीडीह जेल से एक और दुमका जेल से आठ कैदियों को रिहा किया जायेगा. इनमें से ज्यादातर कैदियों की उम्र 60 साल से ज्यादा है.
चार दिसंबर 2020 और 25 फरवरी 2021 को हुई बैठक में पर्षद ने इन कैदियों की उम्र व न्यायालय व पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर इन्हें रिहा करने का फैसला किया है.
दो अठन्नी के चलते हुई दुश्मनी, कर दी थी हत्या
जिन कैदियों को छोड़ने का आदेश जारी किया गया है, उसमें रामाश्रय रजवार और राजेंद्र रजवार का नाम भी शामिल है. इन्हें राजनाथ रजवार की हत्या का दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनायी गयी थी. जेल प्रशासन ने पर्षद को जानकारी दी थी कि रामाश्रय, नरेश, राजेंद्र, लाल बिहारी और राजनाथ सभी एक ही खानदान के हैं.
सभी आपस में खेल रहे थे. राजेंद्र के पास एक रुपया था. उसने रुपये के बदले दो अठन्नी मांगी. इसी बात पर विवाद हो गया और राजनाथ की हत्या कर दी गयी. सत्र न्यायालय ने रामाश्रय, राजेंद्र और नरेश को आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी. नरेश को पहले रिहा कर दिया गया. रामाश्रय ने 20 साल की सजा, जुलाई 2018 को पूरी कर ली. वहीं राजेंद्र ने जनवरी 2019 में सजा पूरी कर ली.
Posted By : Sameer Oraon