Jharkhand News: इस दीपावली गोबर से बने दीये से करें अपने घर को रोशन, जानें इसकी खासियत, देखें Pics
इस दीपावली गोबर से बने दीये से घर को रोशन करें. इसके लिए बकायदा महिला समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. दीये के अलावा कई अन्य चीजों के निर्माण का भी प्रशिक्षण दिया गया. इससे जहां ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार मिलेगा, वहीं वातावरण भी शुद्ध रहेगा.
Jharkhand News (रांची) : दीपावली समेत अन्य पर्व त्योहार में मिट्टी के दीये का उपयोग करते आपने देखा होगा, लेकिन अब गोबर से बने दीये का प्रचलन बढ़ने लगा है. इसके कई फायदे भी हैं. राजधानी रांची में गोबर से बने दीये जल्द ही दिखेंगे. इसके लिए महिला समूह की महिलाओं को दीया बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है.
राजधानी रांची के इटकी क्षेत्र में प्रखंड विकास पदाधिकारी गौतम साहू ने गोवर्धन दीया निर्माण का शुभारंभ किया है. झारखंड रूलर एंड फॉरेस्ट प्रोड्यूस मार्केटिंग कंपनी के अमर प्रसाद एवं आरव सिंह द्वारा महिला समूह को प्रशिक्षण दिया गया. मौके पर उपस्थित पशु चिकित्सा पदाधिकारी, इटकी के डॉ शिवानंद काशी ने महिलाओं को गोबर से बने दीये के लिए तकनीकी सहयोग का प्रशिक्षण भी दिया.
इस मौके पर प्रखंड विकास पदाधिकारी गौतम साहू ने बताया गया कि भारतीय पारंपरिक पद्धति से बनाया गया गोवर्धन दीया के अनेकों लाभ हैं. यह पर्यावरण के अनुकूल है. वहीं, घरेलू महिलाओं के लिए स्वरोजगार का सुनहरा अवसर भी है. साथ ही गौपालन में लगे किसानों के लिए अतिरिक्त आय का स्रोत भी है. इससे गोवंश पशुओं का संरक्षण एवं संवर्धन होगा.
Also Read: मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना से झारखंड के हुनरमंद युवा सपने करें साकार,स्वरोजगार के लिए मिलेंगे 25 लाख का लोन गोबर से दीये के अलावे बनेंगे कई अन्य सामानमहिला समूह की महिलाओं को गोबर से दीये के अलावा शुभ- लाभ, ॐ , स्वास्तिक सहित विभिन्न मोमेंटो व अन्य सामग्री भी गोबर द्वारा बनाने का प्रशिक्षण मिलेगा. सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाली महिला समूह को प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा प्रशस्ति पत्र एवं सम्मानित किया जायेगा.
गोबर से बने दीये समेत अन्य निर्मित सामानों के कई फायदे है. इससे जहां घर में शुद्धता रहेगी. वहीं, गांव की महिलाओं को स्वरोजगार भी मिलेगा. इको फ्रेंडली होने के कारण इसे आसानी से घरों में उपयोग हो सकता है. इसके अलावा गोबर के दीये जलने से घर में खुशबू महकेगी. वहीं, वातावरण में पटाखों की गैस को कम करने में सहायक होगी.
उन्होंने प्रखंड के सभी महिलाओं से आगे बढ़कर स्वरोजगार से जुड़ने का आह्वान किया और स्वावलंबन की दिशा में एक और नया कदम बढ़ाने को प्रेरित किया. झारखंड में यह पहला स्थान है जहां गोबर से दीया बनाने की शुरुआत हुई है. कार्यक्रम का संचालन JSLPS की BPM अनूपमा सिन्हा द्वारा किया गया. उनके द्वारा इटकी क्षेत्र के विभिन्न सखी मंडलों से आयी महिलाओं को गोवर्धन दीया बनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया.
Also Read: सर्द मौसम में बढ़ती हैं स्वास्थ्य की समस्याएं, डॉ हर्ष बोले-दिवाली व छठ में नहीं जलाएं ज्यादा आवाजवाले पटाखेआजीविका से जुड़ी महिला समूह में चंपा सखी मंडल, बजरंगबली सखी मंडल, सरैय सखी मंडल, जीवन ज्योति सखी मंडल, अंकुर सखी मंडल, उज्ज्वल सखी मंडल और प्रेरणा सखी मंडल की दीदियों ने गोबर से दीये समेत अन्य सामान बनाने की ट्रेनिंग ली. इस मौके पर पुष्पा टॉपनो, रीता भोरो, रिंकू देवी, अणिमा सहित कई महिलाएं उपस्थित थी.
Posted By : Samir Ranjan.