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Jharkhand News : बिहार में बाघ बढ़े, लेकिन झाखंड में हो रहे हैं गायब, बाघ की गणना पर एक को बैठक

इसमें लिखा था कि राज्य से अलग होने के बाद बिहार के बाल्मिकी टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 17 हो गयी, जबकि झारखंड के बाघ गायब हो गये. जबकि राज्य गठन से पूर्व झारखंड में बाघों की संख्या बिहार से अधिक थी. उस वक्त बिहार में मात्र तीन बाघ थे. यही स्थिति रही, तो पलामू टाइगर रिजर्व की मान्यता कभी भी रद्द हो सकती है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 15, 2021 11:30 AM

tigers in jharkhand, number of tiger in jharkhand, Ranchi News रांची : अगले वर्ष (2022 में) पूरे देश में एक बार फिर बाघों की गणना शुरू होगी. इसकी तैयारी शुरू हो गयी है. एक मार्च को बाघों की गिनती को लेकर राष्ट्रीय स्तर की बैठक होगी. इनमें सभी राज्यों के पीसीसीएफ (वन्य प्राणी) बुलाये गये हैं. झारखंड के पीसीसीएफ राजीव रंजन भी इसमें शामिल होंगे. पलामू झारखंड का अकेला टाइगर रिजर्व है. यहां बाघों की संख्या नहीं के बराबर है. पिछली गणना में भी झारखंड में बाघों की उपस्थिति पर नेशनल टाइगर कंजर्वेशन ऑथिरिटी (एनटीसीए) ने शक जाहिर किया था. हाल ही में विधायक सरयू राय ने बेतला टाइगर रिजर्व की स्थिति को लेकर ट्विट किया था.

इसमें लिखा था कि राज्य से अलग होने के बाद बिहार के बाल्मिकी टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 17 हो गयी, जबकि झारखंड के बाघ गायब हो गये. जबकि राज्य गठन से पूर्व झारखंड में बाघों की संख्या बिहार से अधिक थी. उस वक्त बिहार में मात्र तीन बाघ थे. यही स्थिति रही, तो पलामू टाइगर रिजर्व की मान्यता कभी भी रद्द हो सकती है.

क्या कहते हैं अधिकारी

बाघों की गणना को लेकर एक मार्च को बैठक है. इसमें गणना के स्वरूप पर विचार होगा. वन विभाग पलामू टाइगर रिजर्व के हैबिटेट को और दुरुस्त करना चाहता है. उम्मीद है कि इस बार गणना में कुछ अच्छा परिणाम मिले. प्रयास होगा कि यहां बाघों की संख्या बढ़ायी जाये.

राजीव रंजन, पीसीसीएफ (वन्य प्राणी)

Posted By : Sameer Oraon

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