Jharkhand: आदिवासियों का जाति प्रमाण पत्र जीवन भर रहेगा वैध, जानें TAC की बैठक में अन्य किन फैसलों पर लगी मुहर
झारखंड जनजातीय परामर्शदातृ परिषद (टीएसी) की बैठक में लिया गया फैसला, सरना धर्म कोड का प्रस्ताव राज्यपाल के माध्यम से केंद्र सरकार को भेजा जायेगा, सीएम के नेतृत्व में प्रधानमंत्री से मिलेगा प्रतिनिधिमंडल. सरना-मसना स्थल को दी जायेगी मान्यता, जेल में बंद आदिवासियों के केस की समीक्षा होगी.
TAC Meeting In Jharkhand : रांची : आदिवासियों का जाति प्रमाण पत्र अब एक ही बार बनेगा और आजीवन वैध रहेगा. वहीं जनगणना में सरना धर्म कोड ( sarna religion code ) का कॉलम रखने का प्रस्ताव राज्य सरकार राज्यपाल के माध्यम से केंद्र सरकार को भेजेगी. इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री के नेतृत्व में टीएसी के सदस्य प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे. सोमवार को झारखंड जनजातीय परामर्शदातृ परिषद (टीएसी) की बैठक में यह फैसला लिया गया.
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में 11 एजेंडा पर चर्चा की गयी. बैठक में एसटी समुदाय के लोगों को जाति प्रमाण पत्र बनाने में हो रही दिक्कतों को देखते हुए जीवन में एक बार जाति प्रमाण पत्र निर्गत किये जाने का निर्णय लिया गया. बैठक में स्टीफन मरांडी की अध्यक्षता में उपसमिति बनी है. उपसमिति में चमरा लिंडा, दीपक बिरुवा, बंधु तिर्की व भूषण तिर्की भी रहेंगे.
यह उपसमिति अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों को कृषि, गृह तथा शिक्षा ऋण सहित अन्य ऋण बैंकों से उपलब्ध कराने, बैंकों से विचार-विमर्श कर ऋण उपलब्ध कराने के लिए नियमों में सुधार तथा राज्य में अनुसूचित जनजाति धारित पूर्व एवं वर्तमान भूमि अधिग्रहण का अध्ययन कर टीएसी को रिपोर्ट सौपेंगी तथा इस संबंध में उप समिति टीएसी को परामर्श भी देगी.
सरना-मसना स्थल को दी जायेगी मान्यता
झारखंड राज्य गठन के समय राज्य में जो सरना, मसना, कब्रिस्तान आदि अवस्थित थे, यदि उनके अभिलेख उक्त रूप में न भी हों तो ग्राम सभा और अंचल कार्यालय से उसकी संपुष्टि कराते हुए उसकी घेराबंदी करायी जायेगी.
जेल में बंद आदिवासियों के केस की समीक्षा होगी
जेल में बंद आदिवासियों के मुद्दे पर गृह विभाग से जेल में बंद तमाम आदिवासियों की सूची मांगने पर सहमति बनी.
जनजातीय भाषा की पढ़ाई प्राइमरी स्तर पर ही होगी
जनजातीय भाषा की पढ़ाई स्कूलों में प्राइमरी स्तर से ही होगी. अलग-अलग शिक्षक की नियुक्ति की जायेगी.
बैठक में ये रहे उपस्थित :
बैठक में टीएसी के सदस्य-सह-विधायक प्रो. स्टीफन मरांडी, बंधु तिर्की, सीता सोरेन, दीपक बिरुआ, चमरा लिंडा, सुखराम उरांव, दशरथ गगराई, नमन विक्सल कोंगाड़ी, राजेश कच्छप, भूषण तिर्की, सोनाराम सिंकू, मनोनीत सदस्य विश्वनाथ सिंह सरदार व जमल मुंडा सहित राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल, एल.खियांगते, प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, वंदना डाडेल, अविनाश कुमार, अजय कुमार सिंह, राजेश शर्मा, सचिव केके सोन, अमिताभ कौशल, आराधना पटनायक, राहुल शर्मा एवं संबंधित विभाग के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा : अवैध मानव व्यापार में संलिप्त लोगों पर कठोर कानूनी कार्रवाई करें
बैठक में मुख्यमंत्री ने अवैध मानव व्यापार पर रोक लगाने के लिए गृह और कारा विभाग को कठोर कानून बनाने तथा निरंतर मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया. बैठक में बताया गया कि एसटी समुदाय के लोगों के खिलाफ होनेवाले अत्याचार के संबंध में सीएम के नेतृत्व में उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है. इस समिति के माध्यम से सभी प्रकार के अत्याचार एवं शोषण से संबंधित मामलों की समीक्षा कर कार्रवाई के लिए अनुशंसा की जाती है.
इन मुद्दों पर भी हुई चर्चा
झारखंड के शहीदों व झारखंड अांदोलनकारियों के शहीदों के अाश्रितों को नौकरी देने पर बनी सहमति
बैठक में जनजातीय समुदाय के लोगों के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उत्तर पूर्व के अनुसार करों में छूट व सुविधा देने की अनुशंसा की.
जनजातीय समाज के लोगों को बैंकों से ऋण देने में वित्तीय संस्थान मना नहीं करें. वित्त विभाग सभी बैंकों से इस संबंध में विस्तृत चर्चा कर सुधार लाने की कार्रवाई करेगा
जनजातियों की भूमि के अवैध हस्तांतरण पर रोक लगनी चाहिए, विस्थापन पर एक पुनर्स्थापन आयोग बनाने की बात कही गयी
Posted By : Sameer Oraon