दुबई में फंसे गुमला के दो मजदूर लौटे सकुशल, नौकरी का झांसा देकर ले जाया गया था
इसके बाद घाघरा पुलिस द्वारा दोनों को सड़क मार्ग से घाघरा लाया गया. दोनों मजदूरों को सकुशल देख कर परिवार के लोग खुश हैं. मजदूरों ने भी राहत की सांस ली. मजदूरों ने बताया कि उन्हें काम दिलाने के बहाने दुबई ले जाया गया, परंतु वहां काम नहीं मिला. टूरिस्ट वीजा भी खत्म हो गया, जिससे उन्हें सड़कों पर सात दिनों तक भटकना पड़ा. वे छह दिनों तक भूखे रहे. मजदूरों ने कहा कि उन लोगों ने वापस घर आने की उम्मीद छोड़ दी थी. मजदूरों ने कहा कि अब वे किसी के बहकावे में नहीं आयेंगे.
Jharkhand News, Gumla News गुमला : दुबई में फंसे घाघरा (गुमला) प्रखंड के नवडीहा बरटोली गांव के मजदूर सुनील भगत व डुको गांव के अजय उरांव को सकुशल वापस लाया गया. पिछले दिनों मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दोनों मजदूरों को वापस लाने के लिए विदेश मंत्रालय से बात की थी. इसके बाद गुमला प्रशासन ने संपर्क कर मजदूरों को वापस लाया. रविवार की रात को दोनों मजदूर हवाई जहाज से रांची पहुंचे.
इसके बाद घाघरा पुलिस द्वारा दोनों को सड़क मार्ग से घाघरा लाया गया. दोनों मजदूरों को सकुशल देख कर परिवार के लोग खुश हैं. मजदूरों ने भी राहत की सांस ली. मजदूरों ने बताया कि उन्हें काम दिलाने के बहाने दुबई ले जाया गया, परंतु वहां काम नहीं मिला. टूरिस्ट वीजा भी खत्म हो गया, जिससे उन्हें सड़कों पर सात दिनों तक भटकना पड़ा. वे छह दिनों तक भूखे रहे. मजदूरों ने कहा कि उन लोगों ने वापस घर आने की उम्मीद छोड़ दी थी. मजदूरों ने कहा कि अब वे किसी के बहकावे में नहीं आयेंगे.
गौरतलब है कि दुबई में फंसे मजदूरों को लेकर प्रभात खबर ने प्रमुखता से समाचार छापा था. इसके बाद पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव व कांग्रेस महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष बॉबी भगत ने सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात कर मजदूरों की मदद करने की मांग की थी. सीएम ने इसपर गंभीरता दिखाते हुए मजदूरों को लाने की पहल की. इसके बाद गुमला पुलिस ने इसपर कार्रवाई शुरू करते हुए दोनों मजदूरों को वापस लाया.
नौकरी का झांसा देकर भेज दिया दुबई :
मजदूरों ने बताया कि उत्तर प्रदेश का रहने वाला मधुकर मिश्रा इस वर्ष 28 जनवरी को दोनों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर उन्हें अपने साथ ले गया था. सात फरवरी को टूरिस्ट वीजा से दुबई पहुंचाया था. इन दोनों मजदूरों से तस्कर ने नौकरी दिलाने के नाम पर डेढ़-डेढ़ लाख रुपये भी लिये थे, लेकिन दुबई पहुंचने के बाद इन दोनों मजदूरों को कोई नौकरी नहीं दी गयी. इसके बाद इन दोनों मजदूरों को कोरोना पॉजिटिव बता कर बंधक बना लिया गया. बाद में छोड़ दिया गया और वे सड़कों पर भटकते रहे.
Posted By : Sameer Oraon