Jharkhand News|पिपरवार (रांची), जितेंद्र राणा : झारखंड के चतरा जिले में 3 दिन से एक युवक के शव के साथ ग्रामीण रोड जाम कर बैठे हैं. इलाके में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के विरोध में इन लोगों ने रोड जाम कर दी है. लोगों की मांग है कि इस सड़क से डंपर का परिचालन पूरी तरह से बंद किया जाए.
अंचल अधिकारी के समझाने पर भी नहीं माने ग्रामीण
अंचल अधिकारी के समझाने के बाद भी लोगों ने आंदोलन वापस नहीं लिया. कल्याणपुर चौक पर बैरियर लगा दिया गया है. इससे काफी संख्या में वाहन फंसे हैं. कई यात्री बसें भी जाम में फंस गयीं हैं. कुछ यात्री कल्याणपुर से पैदल टंडवा जा रहे हैं.
शामियाना लगाकर लगातार धरना दे रहे ग्रामीण
ग्रामीण पिपरवार-टंडवा मार्ग के कारो गांव में शामियाना लगाकर धरना दे रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि टंडवा-पिपरवार और खलारी के 30 किलोमीटर के रेडियस में आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं. डंपर चालकों की लापरवाही की वजह से दुर्घटना होती है. 3 साल में करीब 30 लोगों की मौत हो चुकी है. बावजूद इसके, प्रशासन की नींद नहीं खुल रही.
शुक्रवार की रात 8 बजे दीपक उरांव की दुर्घटना में हुई थी मौत
शुक्रवार (29 नवंबर) को कारो गांव में पिपरवार महाविद्यालय के पास मोटरसाइकिल से जा रहे दीपक उरांव (20) की दुर्घटना में मौत हो गई. 15 साल पहले उसके पिता परमेश्वर उरांव की मौत हो गई थी. दीपक उरांव अपने परिवार का इकलौता कमाऊ सदस्य था. उसकी दो बहनें भी हैं. शुक्रवार की रात को करीब 8 बजे अज्ञात वाहन ने उसे ठोकर मार दी थी, जिसके बाद उसकी मौत हो गई. इससे ग्रामीण उद्वेलित हो उठे.
ट्रांसपोर्टेशन बंद करने की लोग कर रहे मांग
ग्रामीणों ने बताया कि टंडवा, पिपरवार और खलारी तक कोयला लेकर डंपर जाते हैं. दुर्घटना के बाद से लोग आक्रोशित हैं. इस रास्ते से ट्रांसपोर्टिंग बंद करने की ग्रामीण मांग कर रहे हैं. कोयले की ढुलाई टंडवा से बड़कासयाल, रामगढ़, पतरातू, खलारी तक होती है. अंचल अधिकारी ने रविवार को लोगों को समझाने की कोशिश की और कहा कि वह इस इलाके में नो इंट्री की व्यवस्था करवा देते हैं, लेकिन लोग इस पर नहीं माने.
एनटीपीसी के फ्लाई ऐश की भी होती है ढुलाई
धरना-प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बताया कि टंडवा-पिपरवार रोड से एनटीपीसी के फ्लाई ऐश की भी ढुलाई होती है. इससे प्रदूषण भी फैलता है और सड़क दुर्घटनाएं भी होतीं हैं. पीडब्ल्यूडी के माध्यम से एनटीपीसी ने ही इस सड़क का निर्माण करवाया था. अब ग्रामीण कह रहे हैं कि फ्लाई ऐश या कोयले की ढुलाई के लिए कंपनियां नया रास्ता बनवा ले, इस गांव में हाईवा नहीं चलने देंगे.
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