Jharkhand News, Ranchi News, displacement in jharkhand : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Cm Hemant Soren) ने कहा है कि ‘विस्थापन व पुनर्वास आयोग’ के गठन पर सरकार जल्द निर्णय लेगी. विस्थापन पूरे राज्य का मामला है. विपक्ष ने 20 साल तक विस्थापितों की चिंता नहीं की. सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अधिग्रहित जमीन रैयतों को वापस करायी है. यह सिलसिला यहीं खत्म नहीं होगा. अनवरत जारी रहेगा. सोमवार को सदन में विधायक बंधु तिर्की द्वारा विस्थापितों की जमाबंदी नहीं होने का मुद्दा उठाये जाने पर मुख्यमंत्री ने उक्त बातें कही.
इससे पहले ध्यानाकर्षण सूचना के तहत विधायक श्री तिर्की ने कहा कि एचइसी के लिए सरकार की ओर से 9200 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गयी थी. इससे 3200 परिवार विस्थापित हुए थे.
विस्थापितों को पुनर्वास के लिए 15-20 डिसमिल जमीन दी गयी, लेकिन अब तक पट्टा नहीं दिया गया. इनकी लगान रसीद नहीं कटती है. ऐसे में इनका जाति प्रमाण पत्र भी नहीं बन रहा है और विस्थापित परिवार नौकरी से वंचित रह जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि नेशनल एसटी कमीशन के तत्कालीन चेयरमैन डॉ रामेश्वर उरांव ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
इस पर प्रभारी मंत्री जोबा मांझी ने सदन को बताया कि एचइसी के लिए 1131 परिवारों की जमीन अधिग्रहण की बात सामने आयी है. इसमें से 444 की जमाबंदी की गयी है. 469 का पर्चा जारी किया गया. शेष बचे रैयतों की जांच कर प्रक्रिया पूरी जायेगी. इस पर विधायक श्री तिर्की ने इस मामले में विधानसभा की कमेटी और ‘विस्थापन व पुनर्वास आयोग’ के गठन की मांग की. इस पर प्रभारी मंत्री ने कहा कि आयोग के गठन पर मुख्यमंत्री से विमर्श किया जायेगा.
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Posted By : Sameer Oraon