झारखंड सरकार ने केंद्र को भेजा प्रस्ताव कहा, यहां एनआरसी – एनपीआर ना करें लागू
विरोध प्रदर्शन और धार्मिक संस्थाओं ने भी की थी मांग
रांची : झारखंड सरकार ने राज्य में एनआरसी और एनपीआर को लागू ना करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा है. संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने यह जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि इस संबँध में केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है जिसमें पारित प्रस्ताव में कहा गया है, राज्य में एनपीआर तैयार ना करने और एनआरसी का लागू नहीं करने का अनुरोध भारत सरकार से करती है.
देश में एनआरसी और एनपीआर को लेकर कई जगहों पर धरना प्रदर्शन हो रहा है. शाहीन बाग के तर्ज पर कई राज्यों में भी इस कानून के विरोध में प्रदर्शन हो रहा है. रांची में कर्बला मैदान में 66 दिनों से चल रहा धरना शनिवार को स्थगित कर दिया गया था. देशभर में कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए इसे स्थगित किया गया.
सीएए और एनआरसी के खिलाफ देशभर में हो रहे प्रदर्शनों के बीच रांची में भी महिलाओं ने मोरचा खोला था. महिलाएं सीएए और एनआरसी का विरोध कर रही हैं. महिलाओं का कहना है कि केंद्र सरकार मूल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए सीएए जैसा कानून लेकर आयी है.
सिर्फ यहां नहीं मुख्यमंत्री से भी इस कानून को लेकर धर्मप्रांथ के आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो की अध्यक्षता में झारखंड कैथोलिक बिशप ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी.इस मुलाकात में मु ख्यमंत्री को सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में एक ज्ञापन सौपा था.
इस कानून को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया था कि इसका मकसद अवैध रूप से भारत में बसे घुसपैठियों को बाहर निकालना है. गृहमंत्री ने कहा था कि इस देश के हर राज्य में लागू किया जायेगा.