सुनील चौधरी, रांची : राज्य में एक बार फिर ओबीसी का आरक्षण 14 से बढ़ा कर 27 प्रतिशत करने की कवायद शुरू हो गयी है. झारखंड राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने पिछड़ा वर्ग के आरक्षण का दायरा बढ़ाने की अनुशंसा कर दी है. आयोग की ओर से कार्मिक विभाग को भेजी गयी अनुशंसा में लिखा गया है कि झारखंड राज्य में पिछड़ा वर्ग की कुल आबादी 50 प्रतिशत से अधिक है. पिछड़ा वर्ग की सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक स्थिति दयनीय है. अत: झारखंड राज्य में पिछड़ा वर्ग की आबादी को ध्यान में रखते हुए इनके लिए समेकित आरक्षण की सीमा 14 से बढ़ा कार 27 प्रतिशत की जाये. इसके पूर्व आयोग ने बोर्ड की मीटिंग में इस पर सहमति ले ली है.
11 नवंबर, 2022 को तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार ने राज्य में आरक्षण का दायरा बढ़ा कर 77 प्रतिशत करने का विधेयक पारित किया था. इसमें एसटी को 28 प्रतिशत, ओबीसी को 27 प्रतिशत व एससी को 12 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया था. विधेयक को नौवीं अनुसूची में शामिल करने की अनुशंसा करते हुए इसे राजभवन को भेजा गया था. हालांकि, लंबे समय तक यह आरक्षण विधेयक राजभवन के पास ही पड़ा रहा. पिछले वर्ष एक आपत्ति के साथ इस विधेयक को राजभवन ने लौटा दिया. राजभवन की ओर से यह आपत्ति जतायी गयी कि उक्त विधेयक में पिछड़ा वर्ग आयोग की अनुशंसा नहीं है.
दरअसल, उस समय राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग में कोई अध्यक्ष या सदस्य नहीं थे, जिसकी वजह से विधयेक में आयोग की अनुशंसा शामिल नहीं की गयी थी. राज्य सरकार ने 24 जनवरी, 2024 को राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया, जिसके अध्यक्ष योगेंद्र प्रसाद बनाये गये. इसके बाद आयोग ने आरक्षण प्रस्ताव को बोर्ड में पारित किया. अब इसकी अनुशंसा सरकार को भेज दी गयी है.
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