रांची : पड़ोसी राज्यों में ओमिक्रोन की दस्तक के साथ ही झारखंड पर भी इसका खतरा मंडराने लगा है. पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में ओमिक्रोन के संक्रमितों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है. ताजा आंकड़े के अनुसार, देश में अब तक ओमिक्रोन से 653 संक्रमित मिल चुके हैं. इसमें ओड़िशा में आठ, पश्चिम बंगाल में छह, छत्तीसगढ़ में तीन और उत्तर प्रदेश में दो संक्रमित मिले हैं, वहीं कई की रिपोर्ट आनी है. ऐसे में इंट्री प्वाइंट पर सख्ती बरतनी होगी.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य में नये वैरिएंट की पहचान के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन भी नहीं है. ऐसे में ओमिक्रोन को लेकर सतर्कता और भी आवश्यक हो गया है. कोरोना की जांच करानी होगी. बचाव के लिए मास्क लगाने, सामाजिक दूरी का पालन करने और हाथों की सफाई का पालन करने की जरूरत है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने सभी उपायुक्तों और सिविल सर्जन को इंट्री प्वाइंट और रेलवे स्टेशन के साथ एयरपोर्ट पर बढ़ाने का निर्देश दिया है.
राज्य में एक्टिव केस की बढ़ती संख्या के बीच जांच की गति तेज नहीं हुई है. राज्य में प्रतिदिन 30 हजार से कम लोगों की जांच हो रही है. 27 दिसंबर को राज्य में 29,795 लोगों की जांच की गयी. वहीं राज्य में 16,421 सैंपल लंबित है, जिसकी जांच करनी है.
रिम्स के क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ डॉ प्रदीप भट्टाचार्या ने कहा कि ओमिक्रोन को लेकर सतर्कता जरूरी है, क्योंकि पड़ोसी राज्यों में नये वैरिएंट ने दस्तक दे दी है. लेकिन इलाज का प्रोटोकॉल वही है, इसलिए घबरायें नहीं. सिम्टोमैटिक दवाएं चलती हैं और सरकार भी तैयार है. विश्व में नये वैरिएंट को लेकर जीवन संकट की बात नहीं आयी है.
Posted By : Sameer Oraon