रांची. झारखंड राज्य ओपन यूनिवर्सिटी 24 जनवरी 2025 को दूसरा स्थापना दिवस मना रहा है. हालांकि इस विवि की स्थापना वर्ष 2021 में हुई है, लेकिन विवि में 2022 में कुलपति की नियुक्ति के बाद से यह विवि सक्रिय हुआ. स्थिति यह है कि तीन साल बाद भी विवि को अब तक अपना स्थायी परिसर नहीं मिला है. अब भी बिरसा कृषि विवि अंतर्गत फॉरेस्ट्री संकाय से उधार में लिये गये भवन में कामकाज चल रहा है.
देश की पहली ओपन यूनिवर्सिटी है, जो वित्त रहित है
भारत देश की यह पहली ओपन यूनिवर्सिटी है, जो वित्त रहित है. यानी अपना कमाइए व अपना खाइये का सिद्धांत. देश में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, केरल, असम, गुजरात, हैदराबाद, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड और ओडिशा सहित कुल 18 ओपन यूनिवर्सिटी हैं. इनमें बिहार में नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी स्वयं के निर्णय के आधार पर ही वित्त रहित है. राज्य सरकार ने एकमुश्त सीड मनी के रूप में लगभग 20 करोड़ रुपये दिये थे.पांच रेगुलर सहित 31 से अधिक कोर्स चल रहे
झारखंड ओपन यूनिवर्सिटी में वर्तमान में पांच रेगुलर सहित 31 से अधिक कोर्स चल रहे हैं. पूरे राज्य में 151 स्टडी सेंटर खोले गये हैं. ताकि हर वर्ग के लोगों को इसका लाभ मिल सके. विवि में वर्तमान में नियमित रूप से सिर्फ कुलपति व रजिस्ट्रार को छोड़कर अन्य पदों पर अनुबंध पर कर्मियों की नियुक्ति कर काम चलाया जा रहा है. हाल ही में विवि द्वारा 22 शिक्षकों व 29 कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया भी शुरू की गयी है. विवि द्वारा बार-बार पत्राचार किये जाने तथा कुलाधिपति के हस्तक्षेप से राज्य सरकार ने अनगड़ा में विवि के नये परिसर के लिए भूमि देखी गयी है, लेकिन अब तक इसके हस्तांतरण की प्रक्रिया नहीं हो सकी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है