रांची : केंद्र से पंचायत चुनाव को लेकर पत्र आने के बाद झारखंड में फिर पंचायत चुनाव का मामला फंस गया है. केंद्र ने पंचायत चुनाव में ओबीसी के आरक्षण से संबंधित सर्वोच्च न्यायालय के एक फैसले को लेकर यहां पत्र भेजा है. इसके बाद राज्य सरकार के स्तर पर मंथन शुरू हो गया है. यह देखा जा रहा है कि किस तरह यहां आरक्षण को लेकर आगे बढ़ा जाये.
अब विचार हो रहा है कि यहां ओबीसी के आरक्षण को लेकर एक उच्चस्तरीय कमेटी बनायी जाये, ताकि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के मुताबिक यहां आरक्षण की दिशा में सरकार आगे बढ़ सके. कुल मिलाकर जब तक इस समस्या का हल नहीं निकल जाता है, तब तक झारखंड में पंचायत चुनाव कराना संभव नहीं हो सकेगा.
सर्वोच्च न्यायालय का फैसला मध्यप्रदेश और गुजरात पंचायत चुनाव में ओबीसी को आरक्षण देने के मामले से संबंधित है. हालांकि भारत सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के साथ राज्यों को पत्र भेजा है. राज्य सरकार इस पर भी विचार कर रही है कि यहां पेसा कानून लागू है, ऐसे में इस पर आगे क्या किया जा सकता है, इसकी राय ली जायेगी. वहीं राज्य के अनुसूचित जिलों में चुनाव कराने के बाबत विचार-विमर्श किया जायेगा.राज्य में अब तक दो बार ही पंचायत चुनाव हो सका है.
हालांकि झारखंड में पंचायत चुनाव कराने को लेकर लगभग तैयारी कर ली गयी है. नयी मतदाता सूची के मुताबिक सारी तैयारी की जा रही है. मतदाता सूची के प्रकाशन का भी काम चल रहा है. यह अनुमान लगाया जा रहा था कि सारा काम जल्द हो जायेगा. इसके बाद राज्य में पंचायत चुनाव करा लिया जायेगा. लेकिन अब भारत सरकार के इस पत्र से मामला लटक गया है. जब तक इस पर सरकार फैसला नहीं ले लेती है, तब तक चुनाव नहीं कराया जा सकेगा.
Posted By : Sameer Oraon