झारखंड के पंचायतों में विकास कार्य ठप, 15वें वित्त आयोग से राशि नहीं मिलने से बढ़ी परेशानी
जानकारी के मुताबिक वित्त आयोग की राशि से हुए कार्यों को लेकर खर्च का ऑडिट रिपोर्ट केंद्र की ओर से मांगा गया था. ऑडिट रिपोर्ट पूर्ण नहीं होने के कारण ही राशि रोक दी गयी है
झारखंड को 15वें वित्त आयोग से राशि नहीं मिल रही है. भारत सरकार ने राशि रोक रखी है. इस कारण राज्य की पंचायतों में विकास के कार्य ठप पड़े हैं. वित्त आयोग की राशि से होने वाले कार्य नहीं हो रहे हैं. इस कारण राज्य के पंचायती राज विभाग ने भारत सरकार को पत्र लिखा है. केंद्र को दो-दो बार पत्र लिख कर राशि विमुक्त करने का आग्रह किया गया है, पर अब तक राशि नहीं मिली है.
जानकारी के मुताबिक वित्त आयोग की राशि से हुए कार्यों को लेकर खर्च का ऑडिट रिपोर्ट केंद्र की ओर से मांगा गया था. ऑडिट रिपोर्ट पूर्ण नहीं होने के कारण ही राशि रोक दी गयी है. बाद में विभाग की ओर से ऑडिट रिपोर्ट भेजी गयी. साथ ही राशि जल्द विमुक्त करने का आग्रह किया गया, ताकि पंचायतों को पैसे दिये जा सके. पंचायती राज विभाग की ओर से इस बाबत पत्र भेजे एक माह से ज्यादा समय हो गये हैं, लेकिन अभी तक राशि नहीं मिली है.
राज्य वित्त आयोग से नहीं मिलता है पैसा :
यहां राज्य वित्त आयोग का गठन नहीं किया गया है. ऐसे में पंचायतों के विकास के लिए राज्य वित्त आयोग से एक भी पैसा नहीं मिलता है. ऐसे में राशि के लिए भारत सरकार पर ही निर्भर रहना पड़ रहा है. वहां से राशि मिलती है, तो काम होता है.
वित्त आयोग की राशि पर ही निर्भर है विकास
राज्य के गांवों और पंचायतों का विकास वित्त आयोग की राशि पर ही निर्भर है. वित्त आयोग की राशि सीधे मुखिया के साथ ही अन्य पंचायती राज संस्थाओं को मिलती है. इससे गांवों में विकास के कार्य कराये जाते हैं. काफी समय तक पंचायत चुनाव नहीं होने के कारण राशि नहीं मिली थी. पंचायत चुनाव होने के बाद भी मामला लटका रहा. पूर्व में एक बार पैसे दिये गये, जो खर्च हो गये हैं.
उम्मीद है जल्द मिल जायेगी राशि : आलम
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि यहां से ऑडिट रिपोर्ट भेज दी गयी है. शेष रिपोर्ट भी भेज दी जायेगी. साथ ही केंद्र से पत्राचार किया गया है कि जल्द से जल्द राशि उपलब्ध करायी जाये. उम्मीद है कि जल्द ही वहां से पैसे मिल जायेंगे.