रांची: राज्य निर्वाचन आयुक्त डॉ डीके तिवारी ने पंचायत चुनाव में नक्सलियों द्वारा विघ्न डालने का प्रयास करने की आशंका जतायी है. उन्होंने कहा कि इंटेलिजेंस इनपुट और विभिन्न जिलों से प्राप्त सूचनाएं वामपंथियों द्वारा पंचायत चुनाव के दौरान किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना की तरफ इशारा करती हैं.
आयोग ने राज्य सरकार को इस बारे में अवगत करा दिया है. वरीय अफसरों को जिलों की मांग के अनुरूप अतिरिक्त सुरक्षा बल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है. चुनाव में केंद्रीय बलों का भी उपयोग किया जायेगा. हालांकि, इस बार अतिरिक्त केंद्रीय बल झारखंड को नहीं मिल रहा है. आयोग राज्य में सुरक्षित, पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए कटिबद्ध है.
एससी से एसटी की सूची में शामिल किये गये भोगता समुदाय के चुनाव लड़ने से संबंधित सवाल पर डॉ तिवारी ने कहा कि जाति निर्धारित करने या जाति प्रमाण पत्र निर्गत करने की प्रक्रिया से निर्वाचन आयोग को कोई मतलब नहीं. यह पूरी तरह से केंद्र और राज्य सरकार का मसला है. चतरा जिला में भोगता समुदाय के लोगों द्वारा एससी के लिए आरक्षित सीट से चुनाव नहीं लड़ने देने से संबंधित शिकायत मिली है. आयोग ने स्थिति से राज्य सरकार को अवगत करा दिया है. भोगता जाति किस सूची में शामिल है, यह राज्य सरकार स्पष्ट करेगी.
राज्य निर्वाचन आयोग में डॉ तिवारी ने पत्रकारों से कहा कि पंचायत चुनाव में आदर्श आचार संहिता का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस के झारखंड प्रभारी के दौरे के दौरान दिये गये बयान को लेकर भाजपा ने निर्वाचन आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज करायी है. यह प्रथम दृष्टया आचार संहिता उल्लंघन का मामला प्रतीत होता है.
पंचायत चुनाव के सभी चार चरणों के लिए नामांकन की प्रक्रिया छह मई को समाप्त हो गयी. अब तक एक लाख से अधिक प्रत्याशियों ने विभिन्न पदों पर लड़ने के लिए पर्चा भरा है. शुरूआती दो चरणों के लिए चुनाव प्रचार शुरू हो गया है. तीसरे चरण के लिए नौ मई व चौथे चरण के लिए 12 मई को चुनाव चिह्न आवंटित किया जायेगा. उसके बाद चुनाव प्रचार आरंभ होगा. राज्य में पहले चरण का मतदान 14 मई, दूसरे चरण का 19 मई, तीसरे चरण का 24 मई व चौथे चरण का 27 मई को होना है.
Posted By: Sameer Oraon