झारखंड में पंचायती राज संस्थाओं का हुआ विस्तार, मामलों के निपटारे के लिए बनायी गयी हैं ऐसी समितियां
15 जुलाई को कार्यकारी समिति का कार्यकाल हो गया था समाप्त. पंचायती राज संस्थाओं के लिए कार्यकारी समिति का गठन, अधिसूचना जारी
Mukhiya election in jharkhand 2021 रांची : पंचायती राज विभाग ने मंगलवार को पंचायती राज संस्थाओं को अवधि विस्तार (एक्सटेंशन) दे दिया है. जब तक पंचायत चुनाव नहीं हो जाता है, तब तक ये संस्थाएं कार्यकारी व्यवस्था के तहत काम करेंगी. इस तरह अब त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाअों के लिए कार्यकारी समिति का गठन किया गया है. इसकी अधिसूचना जारी कर दी गयी है.
अधिसूचना में कहा गया है कि कोरोना काल की वजह से राज्य में पंचायत चुनाव कराना संभव नहीं हुआ, ऐसे में अवधि विस्तार दिया गया है. जानकारी के मुताबिक 15 जुलाई को कार्यकारी समिति का कार्यकाल पूरा हो गया था. इसके बाद से राज्य में त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाएं अस्तित्व में नहीं थीं. इसके पूर्व सात जनवरी की तिथि से अधिकतम छह माह के लिए कार्यकारी समिति का गठन किया गया था.
वहीं सरकारी सेवक पंचायत सचिव, प्रखंड विकास पदाधिकारी और उप विकास आयुक्त सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी पूर्व की तरह अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे.
ऐसे बनायी गयी हैं समितियां
ग्राम पंचायत कार्यकारी समिति सामान्य क्षेत्रों में ग्राम पंचायत विघटन के समय जो मुखिया थे, उन्हें समिति का अध्यक्ष सह कार्यकारी प्रधान बनाया गया है. उप मुखिया उपाध्यक्ष होंगे. सभी निर्वाचित वार्ड सदस्यों, प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी, प्रखंड समन्वयक, अंचल निरीक्षक, प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा नामित ग्राम पंचायत क्षेत्र का निवासी और राज्य, केंद्र, सेना, रेल, सार्वजनिक उपक्रम से सेवानिवृत्त कोई एक व्यक्ति को सदस्य बनाया गया है.
वहीं अनुसूचित क्षेत्रों में मुखिया समिति के अध्यक्ष सह कार्यकारी प्रधान होंगे. सदस्य भी सामान्य क्षेत्र की तरह होंगे. केवल ग्राम पंचायत के अंतर्गत सभी पारंपरिक प्रधान चाहे उन्हें जिस नाम से जाना जाता हो, वे भी सदस्य होंगे.
पंचायत समिति कार्यकारी समिति
पंचायत समिति के विघटन की तिथि को जो प्रमुख कार्यरत थे, उन्हें समिति का अध्यक्ष सह कार्यकारी प्रधान बनाया गया है. वहीं उप प्रमुख को उपाध्यक्ष बनाया है. जो लोग सदस्य चुने गये थे, उन्हें भी समिति का सदस्य बनाया गया है. इसके अलावा जिला पंचायती राज पदाधिकारी, उक्त प्रखंड क्षेत्र के अनुमंडल पदाधिकारी, अंचल पदाधिकारी को भी सदस्य बनाया गया है.
जिला परिषद कार्यकारी समिति
जिला परिषद विघटन की तिथि के समय जो जिला परिषद अध्यक्ष थे, उन्हें कार्यकारी समिति का अध्यक्ष सह कार्यकारी प्रधान बनाया गया है. जो जिला परिषद सदस्य थे, उन्हें समिति का सदस्य बनाया गया है. इसके अलावा जिला परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के निदेशक और परियोजना निदेशक आइटीडीए या उनके नहीं रहने पर जिला कल्याण पदाधिकारी सदस्य बनाये गये हैं.
Posted By : Sameer Oraon