jharkhand panchayat election news : पंचायत चुनाव पर भिड़े सत्ता पक्ष और विपक्ष के लोग, एक-दूसरे को बता रहे दोषी

समय पर पंचायत चुनाव नहीं होने को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष एक-दूसरे पर साध रहे हैं निशाना

By Prabhat Khabar News Desk | December 13, 2020 8:32 AM
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jharkhand news, jharkhand panchayat election news, jharkhand panchayat election 2021 रांची : झारखंड में त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था की अवधि दिसंबर माह में खत्म हो रही है. इसके बाद गांव की सरकार खत्म होगी. नगर निकाय, नगर पंचायत और जिला परिषद के चुने हुए प्रतिनिधि का अधिकार समाप्त हो जायेगा. समय पर पंचायत चुनाव नहीं होने को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. साथ ही एक-दूसरे को दोषी भी ठहरा रहे हैं.

एक तरफ भाजपा कह रही है कि सरकार पंचायत चुनाव से कराने से भाग रही है और जनप्रतिनिधियों से अधिकार छिन कर सरकार गांव की सरकार में लूट खसोट को बढ़ावा देना चाहती है. वहीं दूसरी तरफ सत्ता पक्ष झामुमो व कांग्रेस ने इसके लिए भाजपा को ही दोषी ठहराया है. इनका कहना है कि पंचायत चुनाव नहीं होने के लिए भाजपा जिम्मेवार है. नेता प्रतिपक्ष नहीं होने के कारण राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति में पेंच है. भाजपा ने राज की संवैधानिक व्यवस्था को पंगु बना दिया है.

संवैधानिक व्यवस्था को खत्म कर रही है भाजपा : झामुमो

झामुमो के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा राज्य की संवैधानिक व्यवस्था को खत्म कर रही है. एक साल हो गये, लेकिन भाजपा विवादित व्यक्ति को विधायक दल का नेता चुन कर मामले को लटका कर रखी है. इसकी वजह से नेता प्रतिपक्ष की मान्यता नहीं मिल पायी है.

नेता प्रतिपक्ष नहीं होने के कारण राज्य चुनाव आयुक्त व सूचना आयुक्त की नियुक्ति लटकी हुई है. इसके लिए पूरी तरह से भाजपा जिम्मेवार है. चुनाव आयुक्त का कार्यकाल समाप्त हो चुका है. संवैधानिक व्यवस्था को बनाये रखने के लिए भाजपा को चाहिए कि वह किसी दूसरे नेता का विधायक दल का नेता के रूप में चयन करें. जब मामला सुलझ जाये तो फिर से विधायक दल का नेता चुन ले.

पंचायतों में लूट- खसोट करना चाहती है राज्य सरकार : भाजपा

भाजपा के प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू ने कहा कि सरकार पंचायत चुनाव करने से भाग रही है. सरकार की मंशा प्रखंड पदाधिकारी के माध्यम से भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना है. उन्होंने कहा कि जब बड़े-बड़े राज्यों में विधानसभा के चुनाव हो सकते हैं, तो आखिर पंचायत चुनाव क्यों नहीं हो सकते हैं. सरकार जनप्रतिनिधियों का अधिकार छीन कर पदाधिकारियों के माध्यम से लूट-खसोट को बढ़ावा देना चाहती है. पंचायत चुनाव नहीं होने से ग्रामीणों में आक्रोश है.

सरकार तैयार, भाजपा की पेंच से लटका है मामला : कांग्रेस

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक दुबे ने कहा कि राज्य में पंचायत चुनाव जरूरी है. सरकार भी इनकार नहीं कर रही है. भाजपा की पेंच की वजह से ही पंचायत चुनाव का मामला लटका हुआ है. अगर भाजपा की ओर से बाबूलाल मरांडी की जगह दूसरे व्यक्ति को विधायक दल का नेता चुन लिया जाता है, तो राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति का रास्ता साफ हो जायेगा. उन्होंने कहा कि मतदाता पुनरीक्षण का कार्य शुरू हो गया है. पंचायत और गांव को अधिकार मिले इसको लेकर पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने ही व्यवस्था लागू की थी. भाजपा सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों को पूर्ण अधिकार नहीं दिया.

posted by : sameer oraon

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