रांची : झारखंड प्रदेश मुखिया संघ का प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और पंचायतों के कार्यकाल समाप्त होने पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने का आग्रह किया है. साथ ही पंचायतों का पुनर्गठन होने तक वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए प्रशासकीय समिति के गठन की मांग की है.
इस पर राज्यपाल ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि वे राज्य सरकार को पत्र लिखेंगी, ताकि जल्द से जल्द चुनाव की प्रक्रिया पूरी की जा सके. इससे पहले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे संघ के प्रदेश अध्यक्ष विकास कुमार महतो ने राज्यपाल को बताया कि झारखंड में त्रिस्तरीय चुनाव की अवधि अपने गठन की तिथि में समाप्त हो रही है.
कोरोना महामारी की वजह से अब तक झारखंड में पंचायत चुनाव को लेकर किसी प्रकार की तैयारी नहीं की गयी. जबकि केरल, राजस्थान में चुनाव हो गये हैं. वहीं, मध्य प्रदेश सरकार ने पंचायतों में कार्यकलापों को सुचारु रूप से संचालन के लिए ‘पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग’ की तर्ज पर वैकल्पिक व्यवस्था की है. ऐसे में झारखंड सरकार को भी वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार करना चाहिए.
पंचायतों में मुखिया के कार्यकाल समाप्त होते ही उनकी जिम्मेदारी प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी (बीपीओ) और प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) संभालेंगे. सभी तरह के भुगतान में पहले हस्ताक्षरकर्ता के रूप में बीपीओ और दूसरे हस्ताक्षरकर्ता के रूप में बीडीओ अपने हस्ताक्षर करेंगे. ग्रामीण विकास विभाग के इस निर्णय के संबंध में मनरेगा आयुक्त ने आदेश जारी किया है.
सभी उपायुक्तों और उप विकास आयुक्तों को लिखे पत्र में कहा गया है कि जहां मुखिया का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, वहां तत्काल इस व्यवस्था का पालन हो. यह भी कहा गया है कि सभी तरह का भुगतान मनरेगा के प्रावधानों के तहत किया जायेगा. 10 लाख रुपये तक की नयी योजनाअों की प्रशासनिक स्वीकृति संबंधित बीडीओ देंगे.
त्रिस्तरीय पंचायतों का विघटन होते ही जनप्रतिनिधियों के डिजिटल हस्ताक्षर संबंधित पोर्टल से हटा दिये जायेंगे. पंचायती राज निदेशक ने सभी उपायुक्तों और उप विकास आयुक्तों को पत्र लिख कर निर्देश दिया है कि ‘ई-ग्राम स्वराज पोर्टल’ से जनप्रतिनिधियों के हस्ताक्षर हटा दिये जायें.
Posted By : Sameer Oraon