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झारखंड में ठप पड़ सकती है पंचायती राज व्यवस्था, केंद्र सरकार ने दी राज्य को ये चेतावनी

राज्यों को कहा गया था वे मार्च 2024 से पहले तक अपने अपने राज्य में ‘राज्य वित्त आयोग’ का गठन करें. साथ ही आयोग द्वारा की गयी अनुशंसाओं पर की गयी कार्रवाई से संबंधित रिपोर्ट(एटीआर) मार्च 2024 तक विधानसभा में पेश करें.

By Prabhat Khabar News Desk | December 15, 2023 5:03 AM

शकील अख्तर, रांची:

अगले वित्तीय वर्ष से झारखंड में पैसों की कमी से पंचायती राज व्यवस्था के ठप पड़ने की आशंका पैदा हो गयी है. क्योंकि केंद्र सरकार ने राज्य वित्त आयोग के गठन के सिलसिले में जारी दिशा-निर्देश पूरा नहीं होने की वजह से अगले वित्तीय वर्ष से अनुदान बंद करने की चेतावनी दी है. इससे पहले केंद्र सरकार ‘पेसा रूल’ नहीं बनाने पर अनुसूचित क्षेत्रों के दिये जानेवाले अनुदान को बंद करने की चेतावनी दे चुकी है.

केंद्र सरकार की संयुक्त सचिव ममता वर्मा ने राज्य सरकार को पत्र भेज कर अनुदान बंद करने की जानकारी दी है. 12 दिसंबर 2023 को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि केंद्र सरकार 2024 मार्च के बाद उन राज्यों को 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के आलोक में त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं को अनुदान देने बंद कर देगी, जिन राज्यों ने केंद्र द्वारा अनुदान पाने के लिए दिये गये दिशा-निर्देश का अनुपालन नहीं किया है. 15वें वित्त आयोग द्वारा अनुशंसित अनुदान की राशि जारी करने के लिए केंद्र सरकार ने पिछले दिनों के एक दिशा-निर्देश जारी किया था. इसमें राज्यों को कहा गया था वे मार्च 2024 से पहले तक अपने अपने राज्य में ‘राज्य वित्त आयोग’ का गठन करें. साथ ही आयोग द्वारा की गयी अनुशंसाओं पर की गयी कार्रवाई से संबंधित रिपोर्ट(एटीआर) मार्च 2024 तक विधानसभा में पेश करें.

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ओडिशा का अनुदान बंद कर चुकी है केंद्र सरकार

राज्य में फिलहाल विधिवत राज्य वित्त आयोग कार्यरत नहीं है. केंद्र सरकार इससे पहले पेसा रूल नहीं बनाने पर अनुसूचित क्षेत्रों के अनुदान को बंद करने की चेतावनी दे चुकी है. पांचवीं अनुसूची में शामिल देश के 10 राज्यों में से झारखंड और ओडिशा ने पेसा रूल नहीं बनाया है. पेसा रूल नहीं बनाने की वजह से केंद्र ने ओडिशा के अनुसूचित क्षेत्र के पंचायतों का अनुदान बंद कर दिया है.

राज्य वित्त आयोग की स्थिति

राज्य सरकार ने चौथे राज्य वित्त आयोग का गठन किया है. हालांकि, इसमें अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति नहीं होने से आयोग निष्क्रिय है. झारखंड पंचायत राज अधिनियम में किये गये प्रावधान के आलोक में राज्य वित्त आयोग के गठन की बाध्यता है. आयोग का कार्यकाल पांच साल निर्धारित है. राज्य में पहले राज्य वित्त आयोग का गठन 28 जनवरी 2004 को किया गया था. पहले राज्य वित्त आयोग के कार्यकाल में पंचायत चुनाव नहीं होने की वजह से आयोग ने त्रिस्तरीय पंचायतों के सिलसिले में अपनी अनुशंसाएं नहीं दीं. आयोग ने सिर्फ शहरी निकायों के सिलसिले में अपनी अनुशंसाएं कीं. 28 जनवरी 2009 से दूसरे राज्य वित्त आयोग का गठन किया गया. लेकिन, दूसरे राज्य वित्त आयोग ने अपनी अनुशंसाएं नहीं दीं. 28 जनवरी 2014 को तीसरे राज्य वित्त आयोग का गठन किया गया. तीसरे आयोग ने भी अनुशंसाएं नहीं दीं. सरकार ने 23 जुलाई 2019 को चौथे आयोग का गठन 28 जनवरी 2019 से करने का फैसला किया. चौथे आयोग का कार्यकाल 27 जनवरी 2014 को समाप्त हो जायेगा. लेकिन, सरकार ने अब तक चौथे राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों को नियुक्त नहीं किया है.

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