राज्य के प्राथमिक व मध्य विद्यालय में शिक्षक नियुक्ति में अब केवल सहायक अध्यापक (पारा शिक्षक) के लिए ही सीट आरक्षित रहेगी. कुल नियुक्ति में 50 फीसदी क्षैतिज आरक्षण दिया जायेगा. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने नियमावली में बदलाव को सहमति दे दी है. शिक्षा विभाग द्वारा प्रस्ताव अब कैबिनेट को भेजा गया है. इसके अलावा पारा शिक्षकों को पीएफ, कल्याण कोष, अनुकंपा पर नौकरी को लेकर 28 नवंबर को बैठक होगी. पारा शिक्षकों के पीएफ से जुड़ने पर उन्हें पेंशन का लाभ मिलेगा. राज्य में लगभग 60 हजार पारा शिक्षक कार्यरत हैं.
इस वर्ष जून में ‘सहायक आचार्य शिक्षक नियुक्ति नियमावली’ की अधिसूचना जारी की गयी थी. इसके नियुक्ति से पहले ही नियमावली में संशोधन किया जा रहा है. इसके बाद प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी. प्राथमिक व मध्य विद्यालय में सहायक आचार्य 50 हजार पद सृजित किये गये हैं. प्रथम चरण में इनमें से 26 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी.
वर्ष 2022 की शिक्षक नियुक्ति नियमावली के पहले केवल पारा शिक्षकों के लिए ही आरक्षण का प्रावधान था. इस नियमावली में पारा शिक्षक के जगह संविदाधारी कर्मियों को जोड़ दिया गया था. इस कारण पारा शिक्षक के अलावा शिक्षा विभाग के कार्यरत संविदाकर्मी के लिए भी सीट आरक्षित हो गयी थी. पारा शिक्षक संगठन इसका विरोध कर रहे थे. शिक्षकों का कहना था कि प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति में केवल पारा शिक्षकों के लिए ही आरक्षण का प्रावधान था.
राज्य के प्राथमिक व मध्य विद्यालय में 50 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी. इसमें 50 फीसदी पद आरक्षित होने से 25 हजार पारा शिक्षक सरकारी शिक्षक बन सकेंगे. नियुक्ति परीक्षा में शामिल होने के लिए पारा शिक्षक को झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा पास होना अनिवार्य होगा. पारा शिक्षक को इसके लिए परीक्षा पास करनी होगी.
पारा शिक्षकों के पीएफ में नियोक्ता का अंशदान राज्य सरकार द्वारा देने की स्थिति में इस पर वर्ष भर में लगभग 150 करोड़ रुपये खर्च होंगे. सरकार द्वारा अधिकतम 1800 रुपये अंशदान दिया जायेगा. शिक्षकों का अंशदान उनके मानदेय के अनुरूप दिया जायेगा.
इंटरमीडिएट प्रशिक्षित सहायक आचार्य एवं स्नातक प्रशिक्षित सहायक आचार्य की सीधी नियुक्ति के लिए चिह्नित रिक्तियों में 50 प्रतिशत पद आरक्षित रहेगा. पद कद्रें/राज्य प्रायोजित शैक्षणिक योजना के अंतर्गत झारखंड सरकार के नियंत्रणाधीन संविदाधारी कर्मियों (जिनकी सेवा विज्ञापन प्रकाशन की तिथि को न्यूनतम एवं लगातार दो वर्ष हो गयी हो एवं विज्ञापन प्रकाशन की तिथि को कार्यरत हो) के लिए क्षैतिज रूप से आरक्षित रहेगा.
सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली में किये जा रहे बदलाव के बाद आरक्षित 50 फीसदी पद राज्य में कार्यरत सहायक अध्यापक (पारा शिक्षक) के लिए आरक्षित होंगे. पारा शिक्षकों के लिए आरक्षण में भी क्षैतिज आरक्षण प्रभावी होगा. आरक्षण के प्रावधान में संविदाकर्मी के प्रावधान को हटाया जायेगा.
प्राथमिक व मध्य विद्यालय शिक्षक नियुक्ति में पारा शिक्षक के लिए ही आरक्षण का प्रावधान रहेगा. इसके लिए नियमावली में बदलाव किया जा रहा है. प्रस्ताव कैबिनेट को भेजा जा रहा है. इसके अलावा पारा शिक्षकों की अन्य मांगों को लेकर भी 28 नवंबर को बैठक बुलायी गयी है. बैठक में पारा शिक्षकों के वेतन विसंगती, अनुकंपा पर नौकरी, आकलन परीक्षा, कल्याण कोष के गठन पर विचार किया जायेगा.