झारखंड पारा शिक्षक के मानदेय भुगतान में गड़बड़ी, 4 जिलों के DSE से मांगी गयी जानकारी, जानें पूरा मामला
टेटे पास पारा शिक्षकों के मानदेय भुगतान में नियमावली की अनदेखी हुई है, इसे लेकर शिक्षा परियोजना निदेशक ने पत्र लिखा 4 जिलों को डीएसइ को पत्र लिख इसकी जानकारी मांगी है. क्या है मामला पढ़ें पूरी खबर
रांची: जेटेट सफल सहायक अध्यापक (पारा शिक्षक) के मानदेय भुगतान में कई जिलों में प्रावधान की अनदेखी की बात सामने आयी है. इसे लेकर झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक ने पत्र लिखा है. इसके अनुसार पारा शिक्षकों की जिस कक्षा के लिए नियुक्ति हुई है, उसमें ही टेट में उन्हें सफल होना होगा. इस संबंध में गिरिडीह, हजारीबाग, गढ़वा और पश्चिमी सिंहभूम जिला के डीएसइ को पत्र लिखा गया है.
क्या है पत्र में :
परियोजना निदेशक ने जारी पत्र में कहा है कि परियोजना को जानकारी मिली है कि कुछ जिलों में कक्षा एक से पांच के लिए चयनित शिक्षक कक्षा छह से आठ में टेट उत्तीर्ण और कक्षा छह से आठ में चयनित एक से पांच के लिए टेट उत्तीर्ण हैं. लेकिन इन्हें टेट सफल पारा शिक्षकों के लिए निर्धारित मानदेय मिल रहा है.
राज्य परियोजना कार्यालय ने इसे लेकर कोई निर्देश नहीं दिया है. पत्र में बताया गया कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम में तय प्रावधान के अनुसार जो व्यक्ति जिस पद पर कार्यरत है और उसके अनुरूप योग्यता रखता हो, तभी उसे उस अनुरूप मानदेय या पारिश्रमिक मिलता है. इस संबंध में विधिक राय की भी जानकारी दी गयी है. पत्र में कहा है कि अगर निर्धारित देय मानदेय से अधिक दिया जा रहा है, तो दोषी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी.
मानदेय की मांगी जानकारी
शिक्षा परियोजना ने वैसे पारा शिक्षक, जिनकी नियुक्ति कक्षा एक से पांच में है, पर टेट सफल कक्षा छह से आठ में हैं और जिनकी नियुक्ति कक्षा छह से आठ में हुई, पर टेट सफल कक्षा एक से पांच में है, उनकी जानकारी मांगी है. वर्ष 2013 से अब तक इन शिक्षकों को दिये गये मानदेय की साक्ष्य के साथ जानकारी देने को कहा गया है.
पत्र वापस नहीं, तो आंदोलन की चेतावनी
टेट सफल सहायक अध्यापक संघ ने पत्र का विरोध किया है. संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद कुमार ने कहा है कि इस तरह की विसंगति विभाग की गलती के कारण हुई है. शिक्षक सरकार के प्रावधान के अनुरूप परीक्षा देकर सफल हुए हैं. पारा शिक्षकों को कक्षा एक से पांच व छह से आठ दोनों में पात्रता परीक्षा देने की अनुमति थी. पात्रता परीक्षा पास करने के लगभग आठ वर्ष बाद अब उन्हें मानदेय बढ़ोतरी के लाभ से वंचित किया जा रहा है. राज्य में लगभग तीन हजार ऐसे शिक्षक हैं.
Posted By: Sameer Oraon