झारखंड में वनों पर निर्भर लोगों को उनका अधिकार देने के लिए अक्टूबर महीने से मिशन मोड में अबुआ वीर दिशोम वनाधिकार अभियान चलाया जायेगा. इसके तहत कैंप लगा कर पात्र लोगों को वनपट्टा दिया जायेगा. मुख्यमंत्री ने अभियान के लिए अधिकारियों को बेहतर कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया है. अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार वन पट्टा हासिल करने के योग्य हर व्यक्ति को उसका हक दिलाने के प्रति संकल्पित है. उन्होंने अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अधिकारियों को अबुआ वीर दिशोम वनाधिकार अभियान के अंतर्गत तीव्र गति से बड़ी संख्या में भूमिहीन पात्र लोगों के बीच वनपट्टा वितरण करने का निर्देश दिया. अभियान को सशक्त और पारदर्शी बनाने के लिए वन क्षेत्र के अंतर्गत हर गांव में वनाधिकार समिति (एफआरसी), अनुमंडल स्तरीय वनाधिकार समिति (एसडीएलसी) और जिलास्तरीय वनाधिकार समिति (डीएलसी) का पुनर्गठन जल्द करने को कहा.
हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार आदिवासी, मूलवासी, दलित, गरीब तथा भूमिहीनों को उनका पूरा अधिकार दिलायेगी. वनाधिकार 2006 के अंतर्गत वन क्षेत्र में निवास करनेवाले लोगों को उनके अधिकार की जानकारी पहुंचायी जाये. इसके लिए विभाग विभिन्न माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करे. मुख्यमंत्री ने कहा कि कल्याण विभाग वनाधिकार अभियान की बेहतर रूपरेखा तैयार कर अभियान को गति दे. उन्होंने कहा कि वनाधिकार कानून 2006 के तहत राज्य में वन पट्टा आवंटन कार्य पूर्ववर्ती सरकारों ने उपेक्षित रखा. हमारी सरकार राज्य में वन क्षेत्र में जीवन यापन करने वाले लोगों के बीच वनपट्टा वितरण कर उनका अधिकार देने का काम कर रही है. बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजय श्रीवास्तव, मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव वंदना दादेल, कल्याण सचिव राजीव अरुण एक्का, राजस्व सचिव अमिताभ कौशल, आदिवासी कल्याण आयुक्त अजय नाथ झा, पीसीएफ अनुसंधान फॉरेस्ट डिपार्मेंट सिद्धार्थ त्रिपाठी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
नेतरहाट के इको रिट्रीट-23 आयोजन की समीक्षा
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड मंत्रालय में अधिकारियों के साथ राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित नेतरहाट इको रिट्रीट-23 के आयोजन की तैयारियों की समीक्षा की. नेतरहाट इको रिट्रीट-2023 के आयोजन का मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं घरेलू पर्यटकों को आकर्षित करना है. नेतरहाट इको रिट्रीट आयोजन को सफल बनाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देने का निर्देश दिया. नेतरहाट इको-रिट्रीट फेस्टिवल पर्यटकों के लिए आकर्षक, सुंदर एवं निवेश की संभावनाओं वाला झारखंड के बारे में जानने का एक शानदार अवसर है. आयोजन राज्य में पर्यटन क्षेत्र को पुनर्जीवित करने में भी मदद करेगा . रिट्रीट की तिथि अभी तय नहीं है. अक्तूबर में इसका आयोजन संभावित है.