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अब छात्र सीधे नहीं करा पाएंगे झारखंड फार्मेसी काउंसिल में पंजीयन, पास करनी होगी ये परीक्षा

अब छात्र सीधे फार्मेसी की पढ़ाई करने के बाद झारखंड फार्मेसी काउंसिल में पंजीयन करा पाएंगे. इसके लिए उन्हें एग्जिट एग्जाम पास करना होगा. जो कि साल में दो बार आयोजित होगा

By Prabhat Khabar News Desk | February 28, 2022 6:58 AM
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रांची: फार्मेसी में डिप्लोमा की पढ़ाई करने के बाद अब सीधे विद्यार्थियों का स्टेट फार्मेसी काउंसिल में पंजीयन नहीं हो पायेगा. फार्मेसी की डिग्री लेने के बाद पंजीयन कराने के लिए विद्यार्थियों को एग्जिट एग्जाम पास करना होगा. इसे पास किये बिना स्टेट काउंसिल पंजीयन नहीं कर पायेगा.

फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने 24 फरवरी 2022 को मंजूरी देते हुए अधिसूचना जारी कर दी है. केंद्र की फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया की रजिस्ट्रार कम सचिव अर्चना मुदग्ल ने इसे लेकर आदेश जारी किया है. हालांकि गजट की कॉपी मिलने के बाद स्टेट फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार द्वारा काउंसिल ऑफ इंडिया के रजिस्ट्रार से पंजीयन जारी रखने या रोक लगाने पर मंतव्य मांगा गया है. उन्होंने कहा है कि अभी आधिकारिक रूप से इस संबंध में कोई सूचना नहीं मिली है.

एग्जिट एग्जाम साल में दो बार आयोजित होगा

केंद्र द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, एग्जिट एग्जाम साल में दो बार होगा़. अभ्यर्थी को परीक्षा की तारीख, परीक्षा केंद्र और परीक्षा केंद्रों की उपलब्धता की जानकारी काउंसिल की वेबसाइट पर दी जायेगी. एग्जिट एग्जाम में फार्मास्यूटिक्स, फार्मोकोलॉजी, फार्माकोग्नोसी, फार्मास्यूटिकल केमेस्ट्री, बायो केमेस्ट्री, हॉस्पिटल एंड क्लिनिकल फार्मेसी, फार्मास्यूटिकल जूरप्रिूडेंस एंड ड्रग स्टोर मैनेजमेंट विषय होगा. एग्जाम में मल्टीपल च्वॉइस के तीन पेपर होंगे. परीक्षा अंग्रेजी भाषा में ली जायेगी,जिसकी अवधि तीन घंटे की होगी.

एग्जिट एग्जाम पास करने के लिए 50% अंक जरूरी

एग्जिट एग्जाम को पास करने के लिए अभ्यर्थियों को हर पेपर में न्यूनतम 50 फीसदी अंक लाना होगा. परीक्षा में बैठने की कोई बाध्यता नहीं होगी. परीक्षा में सफल होनेवाले अभ्यर्थियों को फार्मेसी की प्रैक्टिस का पात्रता प्रमाण पत्र जारी किया जायेगा. इसी के आधार पर स्टेट फार्मेसी काउंसिल में डिप्लोमा फार्मासिस्ट का पंजीयन होगा.

राज्य में 68 कॉलेज निकलते हैं 4080 विद्यार्थी

राज्य में फार्मेसी के 68 कॉलेज संचालित होते हैं, जहां डिप्लोमा इन फार्मेसी की पढ़ाई होती है. हर कॉलेज में 60 विद्यार्थियों के नामांकन को लेकर सीट आवंटित है. यानी राज्य में डिप्लोमा इन फार्मेसी के 4,080 विद्यार्थी पास होकर निकलते हैं. ऐसे में इन सभी विद्यार्थियों को एग्जिट एग्जाम में शामिल होना होगा.

आधिकारिक रूप से नहीं मिली है सूचना

केंद्र सरकार और फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया का गजट मिला है, लेकिन आधिकारिक रूप से इसकी सूचना नहीं मिली है. गजट मिलने के बाद फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया की रजिस्ट्रार से मेल से पूछा गया है कि फिलहाल पंजीयन पर रोक लगाना है या जारी रखना है. कट ऑफ डेट क्या निर्धारित करना है. एग्जिट एग्जाम कौन संचालित करेगा.

कौशलेंद्र कुमार, फॉर्मेसी कॉउंसेलिंग रजिस्ट्रार

Posted By: Sameer Oraon

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