झारखंड पुलिस ने छह माह बाद भी नहीं दी ये रिपोर्ट, अब स्पष्टीकरण मांग सकता है गृह मंत्रालय, जानें मामला
सीआइडी डीआइजी ने लिखा है कि 22 मई को बीपीआरएंडडी ने सभी राज्यों के नोडल अधिकारियों के साथ मामले में एक्शन टेकेन रिपोर्ट को लेकर समीक्षा की थी
48वें ऑल इंडिया पुलिस साइंस कांग्रेस के संकल्प से जुड़े 53 बिंदुओं पर क्रियान्वयन को लेकर झारखंड पुलिस सहित अन्य विभाग के अधिकारियों की ओर से गृह मंत्रालय के पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरएंड) को रिपोर्ट भेजी जानी थी. हालांकि, छह महीने बाद भी यह रिपोर्ट उपलब्ध नहीं करायी गयी है. मामले को लेकर तैयार अपनी रिपोर्ट में सीआइडी डीआइजी ने इसका खुलासा किया है.
अपनी रिपोर्ट में सीआइडी डीआइजी ने लिखा है कि 22 मई को बीपीआरएंडडी ने सभी राज्यों के नोडल अधिकारियों के साथ मामले में एक्शन टेकेन रिपोर्ट को लेकर समीक्षा की थी. इस दौरान पाया गया कि झारखंड सहित एक अन्य राज्य को छोड़कर अन्य सभी राज्यों की ओर से एक्शन टेकेन रिपोर्ट गृह मंत्रालय को समर्पित की जा चुकी है.
मामले में सीआइडी द्वारा संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट मांगे जाने के छह महीने बाद भी यह उपलब्ध नहीं करायी गयी है. समीक्षा के दौरान बीपीआरएंडडी के अधिकारियों ने नाराजगी जाहिर की. कहा गया कि रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराने जाने पर भारत सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से स्पष्टीकरण मांगा जा सकता है. इसलिए 31 मई तक रिपोर्ट उपलब्ध करायी जाये.
उल्लेखनीय है कि पूर्व में छह अप्रैल 2023 को भी सीआइडी डीजी ने सभी पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखा था. इसमें उन्होंने बताया था कि बीपीआरएंडडी द्वारा 48वें ऑल इंडिया पुलिस साइंस कांग्रेस से जुड़े 53 बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी गयी थी. इसलिए रिपोर्ट तैयार कर इसे उपलब्ध करायी जाये, ताकि इसे बीपीआरएंडडी को भेजा जा सके.
इन अधिकारियों को दी गयी थी क्रियान्वयन की जिम्मेदारी :
आइजी प्रशिक्षण, जेल आइजी, आइजी पुलिस मुख्यालय, आइजी विशेष शाखा, निदेशक राज्य विधि-विज्ञान प्रयोगशाला, अभियोजन निदेशक, रांची, जमशेदपुर और धनबाद एसएसपी के अलावा सभी जिलों के एसपी, एसपी एटीएस, एसपी वायरलेस और सभी कमांडेंट को.