झारखंड पुलिस अपराधियों को सजा दिलाने में हो रही विफल, जानिये, क्या है राज्य के जिलों का हाल

झारखंड पुलिस अपराधियों और उग्रवादियों के खिलाफ दर्ज केस में सजा दिलाने में विफल साबित हो रही है. राज्य में पुलिस 1989 केस में 3,370 आरोपियों को सजा दिला पायी, जबकि 12, 925 केस में आरोपियों को सजा दिलाने में पुलिस विफल रही.

By Prabhat Khabar News Desk | February 19, 2023 8:15 AM

रांची, अमन तिवारी : राज्य की पुलिस अपराधियों और उग्रवादियों के खिलाफ दर्ज केस में सजा दिलाने में विफल साबित हो रही है. इस बात की पुष्टि वर्ष 2022 में केस में आरोपियों को सजा दिलाने के तथ्यों से होती है. राज्य में सबसे खराब स्थिति धनबाद, रामगढ़, गिरिडीह, रेल धनबाद और जामताड़ा पुलिस की रही. गिरिडीह जिला में पुलिस की स्थिति तो सबसे बदतर रही. गिरिडीह में पुलिस सिर्फ दो प्रतिशत केस में सजा दिला पायी. राज्य में पुलिस 1989 केस में 3,370 आरोपियों को सजा दिला पायी, जबकि 12, 925 केस में आरोपियों को सजा दिलाने में पुलिस विफल रही. इन मामलों में 21,762 लोग रिहा हो गये. इस तरह पूरे राज्य में सजा दिलाने का प्रतिशत सिर्फ 13.34 ही रहा.

गवाह मुकरे भी

पुलिस द्वारा दर्ज केस किये गये केस में 14,754 लोग तो साक्ष्य के अभाव में रिहा हो गये, जबकि केस के ट्रायल के दौरान गवाहों के मुकर जाने की वजह से 698 लोग रिहा गये. इसी तरह समझौता के आधार पर 4,700 लोग रिहा किये गये. अन्य कारण से 1556 लोग रिहा हो गये. सिर्फ दो ही जिले सजा के बिंदु पर 50 प्रतिशत का आंकड़ा पार कर सके. इसमें पलामू और रेल पुलिस, जमशेदपुर का स्थान रहा. तथ्यों के आधार पर अनुसंधान की स्थिति का भी आकलन किया जा सकता है. वैसे केस के अनुसंधान की स्थिति की बेहतर कर आरोपियों को सजा दिलाने के लिए पुलिस मुख्यालय ने स्पेशल इन्वेस्टीगेशन यूनिट का गठन तक पूरे राज्य में किया था.

जानिये, क्या है झारखंड के जिलों का हाल
झारखंड पुलिस अपराधियों को सजा दिलाने में हो रही विफल, जानिये, क्या है राज्य के जिलों का हाल 2
Also Read: Sahibganj Murder Case : रेबिका हत्याकांड का मुख्य आरोपी मैनुल ने उगले राज, 5 घंटे में किया था शव के कई टुकड़े

Next Article

Exit mobile version