रांची : झारखंड पुलिस मुख्यालय दुष्कर्म की घटनाओं की रोकथाम में सहायता के लिए सामाजिक व आर्थिक आधार पर डाटा तैयार करा रहा है. प्रभारी डीजीपी एमवी राव के निर्देश पर सीआइडी के एडीजी, अनिल पालटा को इसकी जिम्मेवारी दी गयी है. इधर एडीजी ने जनवरी-2020 से लेकर सितंबर-2020 के दौरान घटित दुष्कर्म की घटनाओं के संबंध में विभिन्न बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी है.
आंकड़ा तैयार होने के बाद पुलिस मुख्यालय के स्तर से घटनाओं की समीक्षा कर इसके रोकथाम के उपाय निकाले जायेंगे. अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार किसी घटना के पीछे कोई ना कोई वजह होती है. इसलिए एक बार उपरोक्त बिंदुओं पर आंकड़े तैयार होने के बाद रेप की हर घटना और इसके पीड़ित के अलावा घटनास्थल के बारे में पूरी जानकारी मिल सकेगी.
इसके बाद इनके निराकरण के उपाय निकालने में मदद मिल सकती है. उल्लेखनीय है कि जनवरी 2020 के आरंभ से लेकर सितंबर 2020 तक राज्य के विभिन्न जिलों में रेप के 1361 मामले दर्ज किये गये हैं. वहीं पिछले वर्ष 2019 में जनवरी से दिसंबर तक रेप के कुल 1693 केस दर्ज हुए थे. पुलिस को इससे दुष्कर्म की घटनाएं रोकने में सहायता की है उम्मीद
मुख्यालय से जो जानकारी मांगी गयी है
संबंधित थाना का नाम, केस नंबर, घटना की तिथि व समय तथा क्या रेप के बाद पीड़िता की हत्या कर दी गयी, पीड़ित महिला के आर्थिक पृष्ठभूमि, पीड़िता की शैक्षणिक पृष्ठभूमि, आरोपी की आर्थिक पृष्ठभूमि तथा घटनास्थल के बारे में जानकारी (जैसे क्या घटनास्थल पीड़िता का घर था या अभियुक्त का घर), पीड़िता का कार्य स्थल ( ऐसा कोई स्थल जहां पीड़िता मवेशी चराने,
लकड़ी चुनने, खेती करने या सब्जी बेचने के अलावा दूसरे काम के लिए जाती हो), पीड़िता की जाति और उम्र के अलावा आरोपी से उसके संबंध या परिचित या अपरिचित होने के बारे भी जानकारी मांगी गयी है. इसके अलावा अनुसंधान के दौरान एकत्रित फॉरेंसिक साक्ष्य में क्या पाया गया. इसके बारे में विस्तार से जानकारी मांगी गयी है.
posted by : sameer oraon