रांची : झारखंड बीजेपी विधायक दल के नेता का चुनाव बजट सत्र से पहले हो जाएगा. लेकिन बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होने में अभी वक्त लगेगा. हालांकि कौन नेता प्रतिपक्ष बनेगा और किसके सर प्रदेश अध्यक्ष का ताज सजेगा यह कहना मुश्किल है. लेकिन इस वक्त पार्टी के अंदरखाने से बड़ा अपडेट सामने आया है. चर्चा है कि पार्टी एक ट्राइबल और एक नन ट्राइबल नेता वाले समीकरण के साथ चलेगी.
विधानसभा चुनाव में बीजेपी के दो ही आदिवासी नेताओं को मिली जीत
एक ट्राइबल और एक नन ट्राइबल के समीकरण के मुताबिक बीजेपी अगर नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी किसी आदिवासी नेता को देती है तो प्रदेश अध्यक्ष गैर आदिवासी समाज से होगा. लेकिन भाजपा के पास इस बार आदिवासी नेता के रूप में बहुत सीमित विकल्प हैं. क्योंकि इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सिर्फ दो ही आदिवासी नेताओं को जीत मिली है. जिसमें से एक वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी है तो दूसरा नाम पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन का है.
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किस वजह से हुआ नेता प्रतिपक्ष के चयन में विलंब
बताया गया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव और संसद के बजट सत्र को लेकर पार्टी के शीर्ष नेताओं की व्यस्तता के कारण विधायक दल के नेता का चयन में विलंब हुआ. संसद के बजट का पहला भाग 13 फरवरी को समाप्त हो रहा है. इसके बाद बजट सत्र 10 मार्च से चार अप्रैल के बीच होना है. इस बीच केंद्रीय नेतृत्व की ओर से पर्यवेक्षक भेज कर विधायक दल के नेता का चयन की प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी. मुख्य सचेतक और सचेतक पद पर सामाजिक समीकरण को ध्यान में रखकर पार्टी विधायकों को जिम्मेवारी सौंपी जायेगी.
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