Jharkhand Politics, Ranchi: झारखंड के पूर्व सीएम सह मंत्री चंपाई सोरेन ने झामुमो (झारखंड मुक्ति मोर्चा) की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. ईमेल के माध्यम से उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो और शिबू सोरेन को इस्तीफा भेजा है. 30 अगस्त को वे भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे. बुधवार को वे नयी दिल्ली से रांची लौटे. नयी दिल्ली में उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी.
चंपाई सोरेन कब ज्वाइन करेंगे भारतीय जनता पार्टी?
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सह मंत्री चंपाई सोरेन आज बुधवार को नयी दिल्ली से रांची लौटे. रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि 30 अगस्त को वे रांची में बीजेपी ज्वाइन करेंगे. इसके बाद उन्होंने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया. शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने के बाद वे सियासत में नयी पारी की शुरुआत करेंगे.
चंपाई सोरेन ने किन्हें भेजा इस्तीफा?
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सह मंत्री चंपाई सोरेन ने ईमेल के जरिए इस्तीफा सौंपा है. उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन, स्पीकर रवींद्रनाथ महतो और झामुमो के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन को सभी पदों से इस्तीफा भेजा है.
चंपाई सोरेन ने इस्तीफे में शिबू सोरेन को क्या लिखा?
झारखंड के जल संसाधान मंत्री चंपाई सोरेन ने इस्तीफा देते हुए कहा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा की वर्तमान कार्यशैली और नीतियों से क्षुब्ध होकर उन्होंने पार्टी छोड़ी है और भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का फैसला लिया है. झामुमो के केंद्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन को लिखे इस्तीफा में उन्होंने कहा कि काफी दु:ख के साथ कहना पड़ रहा है कि आपके मार्गदर्शन में जिस पार्टी का सपना हम जैसे कार्यकर्ताओं ने देखा था और जिसके लिए जंगल-पहाड़ और गांवों की खाक छानी थी, आज वह पार्टी दिशा से भटक चुकी है. लिहाजा पार्टी छोड़ने पर मजबूर हूं.
चंपाई सोरेन ने झामुमो छोड़ने की क्या बतायी वजह?
चंपाई सोरेन ने कहा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा हमेशा उनके लिए परिवार जैसा रहा है. कभी सपने में भी उन्होंने नहीं सोचा था कि कभी उन्हें यह पार्टी छोड़नी पड़ेगी, लेकिन पिछले दिनों के घटनाक्रम की वजह से उन्हें ये फैसला लेने पर मजबूर होना पड़ा. चंपाई सोरेन ने लिखा है कि स्वास्थ्य कारणों से आप (शिबू सोरेन) सक्रिय राजनीति से दूर हैं. आपके अलावा पार्टी में कोई फोरम नहीं है, जहां अपने मन की पीड़ा बतायी जाए. इस कारण उन्होंने सोशल मीडिया पर अपना दर्द बयां किया था. आज पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा सौंप रहा हूं.
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