Jharkhand Politics: चंपाई सोरेन नयी दिल्ली से लौटे रांची, 30 अगस्त को थामेंगे बीजेपी का दामन
Jharkhand Politics: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन बुधवार को नयी दिल्ली से रांची लौटे. उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि 30 अगस्त को वे भारतीय जनता पार्टी का दामन थामेंगे.
Jharkhand Politics: रांची-झारखंड के पूर्व सीएम सह मंत्री चंपाई सोरेन नयी दिल्ली से बुधवार को रांची लौटे. पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि वे 30 अगस्त को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे. पिछले दिनों उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर अपना दर्द बयां किया था. इसमें उन्होंने कहा था कि झामुमो (झारखंड मुक्ति मोर्चा) में उन्हें अपमानित किया गया. इसके कुछ दिनों बाद उन्होंने नयी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी.
सरायकेला से कितनी बार विधायक रहे हैं चंपाई सोरेन?
सरायकेला से छह बार के विधायक चंपाई सोरेन 30 अगस्त को रांची में कमल का दामन थामेंगे. झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले वे भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर नयी पारी की शुरुआत करेंगे. बुधवार को नयी दिल्ली से रांची लौटने पर उन्होंने कहा कि 30 अगस्त को वे भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे.
सोशल मीडिया एक्स पर कब रखी थी अपनी बात?
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सह मंत्री चंपाई सोरेन का कहना है कि आदिवासी अस्मिता और उनके अस्तित्व को बचाने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में आस्था जतायी है और भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन करने का फैसला लिया है. 18 अगस्त को उन्होंने सोशल मीडिया एक्स के जरिए अपनी बात रखी थी.
संन्यास लेने का फैसला कैसे बदला?
चंपाई सोरेन ने कहा है कि पहले वे संन्यास लेने के बारे में सोच रहे थे, लेकिन जनसमर्थन को देखते हुए उन्होंने ये फैसला त्याग दिया और नये विकल्पों पर विचार किया. इसके बाद भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का फैसला किया.
सोशल मीडिया पर ही क्यों बयां किया दर्द?
चंपाई सोरेन कहते हैं कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) में कोई ऐसा फोरम या मंच नहीं था, जहां वे अपनी पीड़ा बयां कर सकते थे. उनसे वरिष्ठ नेता स्वास्थ्य कारणों से सियासत से दूर हैं. ऐसे में उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर अपना दर्द बयां किया.
बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर कौन सी पार्टी है गंभीर?
चंपाई सोरेन कहते हैं कि संताल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ बड़ी समस्या बन गयी है. जल, जंगल व जमीन पर घुसपैठिए कब्जा कर रहे हैं. इस वजह से मां, बहन-बेटियों की इज्जत खतरे में है. इन घुसपैठियों को नहीं रोका गया, तो संताल परगना में आदिवासी समाज का अस्तित्व संकट में आ जाएगा. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर सिर्फ बीजेपी गंभीर दिखती है.
बीजेपी में क्यों शामिल हो रहे हैं चंपाई सोरेन?
पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने रांची एयरपोर्ट और अपने आवास पर मीडिया से बातचीत में स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा में आने का उनका मकसद राज्य से बांग्लादेशी घुसपैठ को समाप्त करना है और आदिवासियों के अस्तित्व को बचाना है. उन्होंने कहा पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में काम करूंगा. झामुमो और मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे और 30 अगस्त को भाजपा में शामिल हो जायेंगे. पार्टी अब मुझे किस तरह का काम देती है, क्षेत्र या पूरे झारखंड में, यह पार्टी तय करेगी. उन्होंने कहा कि वे अपने दायित्व का निर्वहन करेंगे. आदिवासियों का अस्तित्व बचाने के लिए ही वे इस दल में शामिल हो रहे हैं. चंपाई ने कहा कि शिबू सोरेन मेरे आदर्श रहे हैं और हमेशा रहेंगे.
जासूसी के सवाल पर क्या बोले चंपाई सोरेन?
जासूसी के संबंध में सवाल पूछे जाने पर चंपाई सोरेन ने कहा कि वे संघर्षशील व्यक्ति रहे हैं. यह सब तो होता ही रहता है. इससे घबराने की जरूरत नहीं है. संघर्ष करनेवाले व्यक्ति की लोग जासूसी कराते रहते हैं. इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता. झारखंड के जंगल से लेकर मजदूर आंदोलन, धरना-प्रदर्शन, हजारों मजदूरों को स्थायी नौकरी दिलाने तक का काम उन्होंने किया है. संघर्ष करते हुए वे आगे बढ़ रहे हैं.