Jharkhand Politics:रांची-बीजेपी में शामिल होने की अटकलों को झारखंड के पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि उन्हें इस तरह की अफवाहों की कोई जानकारी नहीं है. वे जहां हैं, वहीं हैं. वैसे इन कयासों के बीच अगर वे बीजेपी ज्वाइन करते हैं, तो झारखंड की सियासत पर इसका क्या असर होगा? झारखंड मुक्ति मोर्चा को क्या नुकसान होगा और बीजेपी को क्या फायदा होगा? प्रभात खबर के वरिष्ठ पत्रकार आनंद मोहन से बातचीत पर पढ़िए ये स्टोरी.
बीजेपी को कितना फायदा होगा?
झारखंड के पूर्व सीएम और झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता सह मंत्री चंपाई सोरेन ने इस बात से इनकार कर दिया है कि वे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो रहे हैं. उन्होंने आश्चर्यचकित होते हुए कहा कि इस बारे में तो उन्हें ही खुद कुछ पता नहीं है कि अफवाह कहां से उड़ी है? इसके बावजूद अगर चंपाई सोरेन बीजेपी में शामिल होते हैं तो झारखंड मुक्ति मोर्चा को बड़ा नुकसान होगा, जबकि बीजेपी को कोल्हान में काफी मजबूती मिलेगी.
झारखंड मुक्ति मोर्चा की कितनी बढ़ेंगी मुश्किलें?
चंपाई सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के वरिष्ठ नेता हैं. दिशोम गुरु शिबू सोरेन के काफी करीबी हैं और भरोसेमंद हैं. सीएम हेमंत सोरेन भी अभिभावक के रूप में उन्हें काफी सम्मान देते हैं. यही वजह है कि जब जमीन घोटाले में हेमंत सोरेन को जेल जानी पड़ी तो उन्होंने झारखंड की कमान चंपाई सोरेन को ही सौंपी. चंपाई सोरेन झामुमो के स्तंभ हैं. कोल्हान में इनकी काफी पकड़ है. यही वजह है कि वहां बीजेपी की मुश्किलें बढ़ जाती हैं. इनके बीजेपी में शामिल होने से झामुमो को खासकर विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा नुकसान होगा.
झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कितना होगा फायदा?
चंपाई सोरेन के कमल का दामन थामने पर बीजेपी को झारखंड में मजबूती मिलेगी. कोल्हान टाइगर के आने से कोल्हान में भाजपा की एंट्री काफी आसान हो जाएगी और वह कोल्हान में काफी मजबूत हो सकती है. आदिवासी सेंटीमेंट का राजनीतिक फायदा मिलेगा. सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ बोलने वाला बीजेपी को कोई मजबूत आदिवासी नेता मिल जाएगा. झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले अगर ऐसा हुआ तो भाजपा को काफी फायदा होगा.
बीजेपी में शामिल होने की अफवाहों पर क्या बोले चंपाई सोरेन?
बीजेपी में शामिल होने की अफवाहों पर झारखंड के पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने कहा कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है. वे अभी जहां हैं, वहीं हैं. क्या अफवाह उड़ रही है? उन्हें इसकी कोई सूचना नहीं है. सच और झूठ का वे आकलन नहीं कर सकते हैं क्योंकि इस विषय में उन्हें कुछ पता नहीं है. लोबिन हेंब्रम से मुलाकात के सवाल पर पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने कहा कि वे आए थे. उन्होंने उनसे मुलाकात की. बीजेपी में उनके शामिल होने के सवाल पर चंपाई सोरेन ने कहा कि इस मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं हुई है. वे हमारे पुराने साथी हैं. सामान्य बातचीत उनसे हुई है.
चंपाई सोरेन का क्या है सियासी कद ?
चंपाई सोरेन ने दो फरवरी 2024 को झारखंड के नए सीएम के रूप में शपथ ली थी. 31 जनवरी को उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया था. करीब पांच महीने बाद जेल से बाहर निकलने पर हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री की कमान संभाली और इन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया. सरायकेला से झामुमो विधायक चंपाई सोरेन 2010 में पहली बार मंत्री बने. भाजपा-झामुमो गठबंधन वाली अर्जुन मुंडा की सरकार में कैबिनेट मंत्री बने थे. इसके बाद 2013 में झामुमो-कांग्रेस गठबंधन की सरकार में मंत्री बनाए गए. 2019 में झामुमो-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनी तो हेमंत सोरेन की सरकार में 28 जनवरी 2020 को इन्हें फिर मंत्री बनाया गया.
कौन हैं चंपाई सोरेन?
नाम -चंपाई सोरेन
पिता-स्व. सिमल सोरेन
पत्नी-स्व. माको सोरेन
पुत्र-चार
पुत्री-तीन
पार्टी-झामुमो
विधानसभा क्षेत्र-सरायकेला
उम्र-69 वर्ष
शिक्षा-मैट्रिक
स्थायी पता-ग्राम-जिलींगगोड़ा, पोस्ट-डूंडरा, प्रखंड-गम्हरिया, जिला सरायकेला-खरसावां, झारखंड
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