Jharkhand Politics : दल-बदल मामले में झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम और भाजपा विधायक जेपी पटेल की गई विधायकी

दल-बदल मामले में स्पीकर रवींद्र नाथ महतो के न्यायाधिकरण में लगातार दो दिनों तक सुनवाई चली. इसके बाद गुरुवार को स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने दोनों विधायकों की सदस्यता रद्द करने का फैसला सुनाया.

By Anand Mohan | July 25, 2024 4:41 PM

Jharkhand Politics : रांची-बोरियो से जेएमएम विधायक लोबिन हेम्ब्रम और मांडू से बीजेपी विधायक जेपी पटेल संविधान की 10 वीं अनुसूची के तहत दल-बदल के दोषी पाये गये हैं. दोनों ही विधायक पार्टी लाइन के खिलाफ गतिविधि में दोषी करार दिये गये हैं. स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने फैसला सुनाते हुए दोनों विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी है.

दो दिनों तक चली सुनवाई, लिखित जवाब मिलने के बाद सुनाया फैसला

दल-बदल मामले में स्पीकर रवींद्रनाथ महतो के न्यायाधिकरण में लगातार दो दिनों तक सुनवाई चली. इसके बाद गुरुवार को स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने दोनों विधायकों की सदस्यता खत्म करने का फैसला सुनाया. झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने अपनी पार्टी के खिलाफ राजमहल से लोकसभा चुनाव लड़ा था. वह झामुमो प्रत्याशी विजय हांसदा के खिलाफ चुनाव लड़े थे. पार्टी अध्यक्ष शिबू सोरेन ने इनको पार्टी से निलंबित करते हुए दल-बदल की शिकायत की थी.

बीजेपी विधायक जेपी पटेल ने कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था लोकसभा चुनाव

बीजेपी विधायक जेपी पटेल कांग्रेस में शामिल हो गये थे और हजारीबाग से कांग्रेस के टिकट पर उन्होंने लोकसभा का चुनाव लड़ा था. इनके खिलाफ नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने दल-बदल की शिकायत की थी. लगातार दो दिनों तक दोनों ही मामले में वादी और प्रतिवादी की दलीलों को सुनने के बाद आज गुरुवार को दोनों से लिखित जवाब दाखिल करने को कहा गया था. लिखित जवाब देखने के चार घंटे में स्पीकर ने फैसला सुना दिया.

लोबिन हेंब्रम के खिलाफ झामुमो का कड़ा रुख


लोबिन हेंब्रम मामले में वादी शिबू सोरेन की ओर से स्पीकर के न्यायाधिकरण में कहा गया था कि इन्होंने राजमहल लोकसभा का चुनाव पार्टी के विरोध में लड़ा. इसलिए झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अनुशासनात्मक कार्रवाई की है. ऐसे में इनकी सदस्यता खत्म की जानी चाहिए.

दोनों पक्षों को सुनने के बाद स्पीकर ने रद्द कर दी सदस्यता


प्रतिवादी लोबिन हेंब्रम की ओर से कहा गया था कि 1995 में निर्दलीय चुनाव लड़ा था. तब उन्हें पार्टी ने नहीं निकाला गया था. आज भी उन्हें निष्कासित किया गया है. इससे संबंधित कोई नोटिस भी नहीं मिला है. विधानसभा में उन्होंने हेमंत सोरेन के पक्ष में ही वोट डाला था. ऐसे में उनकी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा मानती है कि वे झामुमो के विधायक हैं. दोनों पक्षों को सुनने के बाद गुरुवार को लिखित जवाब देने के बाद स्पीकर ने उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी.

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