रांची: स्थानीय व नियोजन नीति समेत अन्य मांगों को लेकर आजसू समेत कई संगठन सात मार्च को विधानसभा का घेराव करेंगे. विधानसभा घेराव में हजारों लोगों के जुटने का दावा संगठन कर रहे हैं. इधर, पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं. आजसू पार्टी की ओर से सात सूत्री मांगों को लेकर सोमवार को विधानसभा घेराव का कार्यक्रम निर्धारित है.
इसमें खतियान आधारित स्थानीय नीति, नियोजन नीति, आरक्षण, बेरोजगारी, सरना धर्म कोड, संसाधनों में हो रही लूट व झारखंड आंदोलनकारियों के सम्मान का विषय मुख्य रूप से शामिल हैं. इधर, सुरक्षा व्यवस्था में विधानसभा के बाहर से लेकर विभिन्न चौक-चौराहे और मार्ग में 4000 फोर्स तैनात रहेंगे. इसमें से तीन कंपनी आरएपी की है. जबकि दो कंपनी रैफ की है.
रैफ की कंपनी को तैयारी हालत में एलर्ट मोड पर रखा गया है. रांची शहर में 50 स्थानों पर बैरेकेडिंग की व्यवस्था की गयी है. विधानसभा जानेवाले मार्ग में नौ स्थानों पर तीन लेयर बैरेकेडिंग की व्यवस्था की गयी है, ताकि किसी एक बैरिकेडिंग को तोड़ने पर हंगामा करने वाले को दूसरी बैरिकेडिंग के पास रोका जा सके.
रांची एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने बताया कि राजधानी में प्रवेश करने वाले प्रत्येक मार्ग में ड्रापगेट लगाया गया है. जहां पर बाहर से घेराव के लिए आने वालों की चेकिंग की जायेगी. शहरी क्षेत्र में गतिविधि पर निगरानी कंट्रोल रूम के जरिये सीसीटीवी कैमरा से होगी. डीएसपी के नेतृत्व में भी एक क्यूआरटी का गठन किया गया है. एसएसपी के अनुसार मामले में निरोधात्मक कार्रवाई के तहत 250 लोगों से बांड भरवाया गया है.
विधानसभा घेराव को देखते हुए डीसी छवि रंजन ने अधिकारियों संग बैठक की. उन्होंने कहा कि रांची के विभिन्न इंट्री प्वाइंट्स एवं अन्य स्थानों पर 50 से ज्यादा बैरिकेड बनाये गये हैं. राजनीतिक दलों के लोगों का शहर में जुटान न हो. इसके लिए प्रभात तारा मैदान, हरमू मैदान, अरगोड़ा मैदान एवं शहीद मैदान में निषेधाज्ञा लगा दिया है. यह रात नौ बजे तक प्रभावी रहेगा.
विधानसभा के बजट सत्र में सात मार्च को मुख्यमंत्री प्रश्नकाल होगा. इसमें विधायक मुख्यमंत्री से नीतिगत सवाल पूछेंगे. 28 फरवरी को स्थानीय नीति समेत अन्य नीतिगत मामलों में मुख्यमंत्री ने विधायकों के सवालों का जवाब दिया था. सत्र के दौरान सोमवार को मुख्यमंत्री प्रश्नकाल का लिए समय निर्धारित है. सोमवार को द्वितीय पाली में वित्तीय वर्ष 2022-23 के आय व्यय के अनुदान मांगों पर वाद-विवाद के बाद सरकार का उत्तर होगा.
Posted By: Sameer Oraon