रांची: स्पीकर ने बाबूलाल मरांडी के दलबदल मामले में सुनवाई पूरी कर ली है़ श्री मरांडी की सदस्यता आने वाले दिनों में खतरा में भी पड़ सकती है़ झारखंड की राजनीति में शह-मात का खेल चल रहा है. स्पीकर को अब फैसला सुनाना है. प्रभात खबर ने इस मुद्दे पर श्री मरांडी से बातचीत की.
Q. स्पीकर ने दलबदल में सुनवाई कर ली है, आपकी सदस्यता खतरे में आ सकती है
स्पीकर ने पहले से सब कुछ तय कर लिया है़ मैं पहले से कहता आया हूं कि वह सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं. स्पीकर को झामुमो का जो आदेश मिलेगा, वही काम करेंगे. उनकी पार्टी के नेता तो ट्वीट कर बता रहे हैं कि मेरी सदस्यता जा रही है. उनके फैसले से पहले पार्टी के लोगों को पता है. इनको संविधान से कोई लेना-देना नहीं है.
Q. आपका मानना है कि सबकुछ कानून सम्मत नहीं चल रहा, स्पीकर ने तो कई दौर की सुनवाई की
स्पीकर की नियत पर पहले से ही शंका है़ हाउस के अंदर भी आप देखें, वह सत्ता पक्ष की ओर ही देखते है़ं सदन के अंदर जब न्याय नहीं करते, तो बाहर क्या करेंगे़ वह सरकार के दबाव में काम करते है़ं स्पीकर पक्ष-विपक्ष दोनों के होते है़ं स्पीकर ने मुझे प्रतिपक्ष का नेता नहीं बनने दिया़ स्पीकर की कुर्सी पर बैठ कर लोकतांत्रिक काम नहीं कर रहे है़ं मैं पिछले ढा़ई साल से चुप रहता हू़ं मुझे बोलने नहीं दिया जाता है. इनको पता है कि अगर मैं प्रतिपक्ष का नेता रहता, तो इनको घेरता
Q. अब आपकी सदस्यता गयी तो कहां से चुनाव लड़ेंगे ?
मेरे लिए यह सब कोई चुनौती नहीं है़ राजनीति का पार्ट मानता हू़ं सदस्यता रहे या जाये चिंता नहीं है़ मुद्दों पर मेरा संघर्ष रूकने वाला नहीं है़ इन लोगों को गलतफहमी है कि मैं चुप रहूंगा़ मैं राजनीति में कमाने नहीं आया हू़ं इन लोगों को अपने परिवार की चिंता है.