रांची: भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर भ्रष्टाचार में शामिल होने की शिकायत लेकर राज्यपाल रमेश बैस से गुरुवार को मुलाकात की. भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश के नेतृत्व में पूर्व सीएम रघुवर दास और बाबूलाल मरांडी के साथ भाजपा नेताओं ने राजभवन पहुंच कर श्री सोरेन के खिलाफ आरोप पत्र सौंपे. साथ ही हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द करने की मांग की.
उनकी पत्नी कल्पना सोरेन द्वारा अरगोड़ा में खरीदी गयी जमीन में सीएनटी एक्ट के उल्लंघन व मनी लांड्रिंग का अारोप लगाया. इधर, पूर्व सीएम रघुवर दास ने कहा कि 2009 में मुख्यमंत्री की पत्नी कल्पना सोरेन ने अरगोड़ा में 13 कट्ठा और 17 कट्ठा जमीन दो अलग-अलग डीड से खरीदी थी. इसमें कल्पना सोरेन ने अपना पता हरमू लिखा है, जबकि पति हेमंत सोरेन की जगह अपने पिता का नाम दिया है. कल्पना सोरेन ओड़िशा की रहनेवाली हैं.
झारखंड में उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा. जमीन खरीद में सीएनटी एक्ट का उल्लंघन हुआ है. श्री दास ने कहा कि दोनों जमीन का सरकारी मूल्य 78.93 लाख है, जबकि कल्पना सोरेन ने इसे नौ लाख में खरीदा है. यह मनी लांड्रिंग का मामला है. उन्होंने कहा कि इस मामले में शिकायत आयी, तो वर्ष 2018 में प्रमंडलीय आयुक्त ने जांच दल गठित किया था.
इस मामले में जांच दल की रिपोर्ट आयी कि गंभीर अनियमितता है. इसके बाद भाजपा की सरकार चली गयी, हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री बने़, तो इस जमीन पर सोहराय भवन भी बन गया. 2019-2020 में अपर समाहर्ता ने नोटिस भी दी, लेकिन मामला आगे नहीं बढ़ा. उन्होंने कहा कि सोरेन परिवार ने विभिन्न जिलों में 100 एकड़ से ज्यादा जमीन खरीदी है. विस्तार से जांच हो, तो इसमें मनी लांड्रिंग से इंकार नहीं किया जा सकता है.
सोहराय के नाम से बनी कंपनी में हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन और उनकी साली सरला मुर्मू पार्टनर हैं. श्री दास ने कहा कि मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार निरोधक कानून -1988 और जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत मामला दर्ज होना चाहिए़.
झामुमो ने शिबू की राजनीतिक हत्या कर दी :रघुवर ने कहा कि शिबू सोरेन झारखंड के सर्वमान्य नेता हैं. हम भी उनका सम्मान करते हैं, लेकिन झामुमो ने उनकी राजनीतिक हत्या कर दी. पिंजरा में बंद कर दिया. उनको चुनाव लड़ना था, तो बेटा-बहू किसी ने सीट खाली नहीं की. पौलुस सुरीन को सीट खाली करनी पड़ी.
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि पूजा सिंघल के पास मिले नोट को देखिए, सभी अभी के नोट हैं. नोटबंदी के बाद के नोट हैं. ये सारा पैसा अभी का है. फिलहाल संचिका सरकार के पास है, इनको कार्रवाई करने से कौन रोका है. जो दोषी है, कार्रवाई करें. मैंने ईमानदार और जवाबदेह सरकार दी है. पिछली सरकार में विभागीय कार्रवाई हुई थी. उस समय साक्ष्य नहीं मिला होगा, इसलिए कार्रवाई नहीं हुई. इसमें सीएम की कोई भूमिका नहीं होती है.
Posted By: Sameer Oraon