प्रदेश कांग्रेस में हलचल तेज है. पड़ोसी बिहार में कांग्रेस ने नेतृत्व में बदलाव किया है. बिहार में अखिलेश प्रसाद सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है. इस फेरबदल की तपिश प्रदेश कांग्रेस में भी है. बिहार में विधायक दल के नेता अजित शर्मा हैं. बिहार में हुए फेरबदल के जातीय समीकरण का असर झारखंड में भी दिख सकता है. इधर झारखंड में भी प्रदेश अध्यक्ष के बदलने का प्लॉट तैयार हो रहा है. कांग्रेस सूत्रों के अनुसार वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के बदले जाने की चर्चा है.
जानकारी के मुताबिक केंद्रीय नेतृत्व के स्तर पर भी इसको लेकर मंथन हो रहा है. इधर अध्यक्ष पद को लेकर भी लॉबिंग तेज है. नेता आलाकमान तक अपनी बातें पहुंचा रहे हैं. अध्यक्ष पद की दौड़ में प्रदेश के कई नेता हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, डॉ अजय कुमार, गीता कोड़ा, बंधु तिर्की सहित कई नेता दावेदार बताये जा रहे हैं. कांग्रेस झारखंड में अध्यक्ष पद के लिए आदिवासी कार्ड खेल सकती है. ऐसे में बंधु तिर्की और गीता कोड़ा प्रबल दावेदार हो सकते हैं.
हाल में ही प्रदेश में कांग्रेस ने जिलाध्यक्षों का चयन किया. जिलाध्यक्षों के चयन में विवाद के लिए प्रदेश नेतृत्व को जिम्मेवार माना जा रहा है. इससे केंद्रीय नेतृत्व की किरकिरी हुई. पहली सूची में एक भी दलित, अल्पसंख्यक और महिला जिलाध्यक्ष नहीं थे. बाद में केसी वेणुगोपाल के निर्देश पर सूची बदली गयी. इसमें दलित और अल्पसंख्यक के दो-दो नेताओं को एडजस्ट किया गया. अब तक एक भी महिला जिलाध्यक्ष सूची में नहीं है. इसको लेकर प्रदेश नेताओं ने अध्यक्ष की कार्यशैली पर सवाल भी उठाये. प्रदेश के नेताओं के मुताबिक वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष की यह बड़ी विफलता मानी जा रही है.