रांची-रायपुर रूट पर दौड़ रही सरकार, कैबिनेट मीटिंग में हिस्सा लेने झारखंड लौटे कांग्रेस कोटे के मंत्री

झारखंड सरकार में कांग्रेस कोटे के सभी मंत्री रांची लौटे. वे यहां एक कैबिनेट मीटिंग में हिस्सा लेने आये हैं. उनके साथ राजद कोटे से मंत्री सत्यानंद भोक्ता भी हैं. वहीं झामुमो ने वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति के लिए राज्यपाल को घेरा है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 1, 2022 6:23 AM

रांची : झारखंड में सरकार रांची-रायपुर रूट पर दौड़ रही है. बुधवार की देर शाम कांग्रेस के सभी मंत्री विशेष चार्टर्ड विमान से रायपुर से रांची लौट आये. मंत्री सत्यानंद भोक्ता और प्रदीप यादव को लेकर बुधवार को रायपुर उड़ा विशेष विमान, कांग्रेस के मंत्रियों को लेकर लौटा़ मंत्री श्री भोक्ता के साथ कांग्रेस के मंत्री रामेश्वर उरांव, आलमगीर आलम, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख रांची लौटे हैं.

वहीं विधायक प्रदीप यादव रायपुर में ही रुक गये़ मंगलवार को विधायकों के साथ नहीं जा सके कांग्रेसी विधायक रामचंद्र सिंह भी मनिका से रायपुर रवाना हो गये थे़ इधर वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति को लेकर झामुमो ने राज्यपाल को घेरा है़ झामुमो ने राजभवन व राज्यपाल की भूमिका पर सवाल उठाया है.

पार्टी के केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि राज्यपाल भी हर वक्त बाकी सब कुछ कर सकते हैं. बधाई देते हैं. सरकार की समालोचना करते हैं. लेकिन कुछ तो बोलें कि चुनाव आयोग से कुछ आया भी है कि नहीं. अगर राजभवन गवर्नेंस को डिस्टर्ब करने लगे तो राज्य कैसे चलेगा.

इसलिए राजभवन को जल्द से जल्द सारी स्थिति को स्पष्ट करना चाहिए.
भाजपा खरीद-फरोख्त कर रही :

कांग्रेस विधायक दल के नेता सह मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि भाजपा खरीद-फरोख्त कर रही है़ कई राज्यों में ऐसा हुआ है, इसलिए हम रायपुर आये हैं. महाराष्ट्र, कर्नाटक और एमपी में ऐसा हुआ है़ उसे देखते हुए हम यहां आये हैं. उन्होंने कहा कि सरकार अपना काम कर रही है़

झारखंड के कांग्रेस-झामुमो अपने विधायकों को सुरक्षित रखने छत्तीसगढ़ आये हैं : बघेल

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि भाजपा झारखंड में हॉर्स ट्रेडिंग करा रही है़ पश्चिम बंगाल से कांग्रेस के तीन विधायक पकड़े गये थे़ भाजपा के अंदरखाने कुछ चल रहा है़ कांग्रेस-झामुमो अपने विधायकों को सुरक्षित रखने छत्तीसगढ़ आये है़ं हम इनका स्वागत करते है़ इलेक्शन कमीशन से पत्र आये, सप्ताह भर हो गया़ लिफाफा खुल नहीं रहा है, तो इसका मतलब अंदरखाने कुछ चल रहा है़

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