रघुवर दास समेत भाजपा सरकार के पूरे कार्यकाल की जांच करायेगी झारखंड सरकार- झामुमो

झामुमो के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि रघुवर दास समेत भाजपा के शासन काल की झारखंड सरकार जांच करायेगी. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने पूजा सिंघल को क्लीन चिट नहीं दी. वहीं सरयू राय ने भी पूर्व सीएम व सीएस के भूमिका की जांच की मांग की है

By Prabhat Khabar News Desk | May 13, 2022 11:49 AM

रांची: झामुमो ने कहा है कि रघुवर दास के पांच वर्ष के कार्यकाल समेत झारखंड अलग राज्य गठन से लेकर अब तक भाजपा सरकार के समस्त कार्यकाल की जांच सरकार करायेगी. यह बात झामुमो के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य एवं विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने प्रेस कांफ्रेंस में कही. उन्होंने कहा कि रघुवर कह रहे हैं कि हमारी सरकार ने पूजा सिंघल को क्लीन चीट नहीं दी, बल्कि अधिकारियों ने दी.

इससे बड़ी हास्यास्पद बात और क्या हो सकती है. झामुमो नेताओं ने कहा कि रघुवर जी दावा कर रहे हैं कि ये हमारे समय का पैसा नहीं है. ये ढाई साल के अंदर का पैसा है. ऐसे में उन्हें नोटों का सीरिज भी मालूम होगा और उन्हें जरा वह भी बता देना चाहिए.

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि अब तक भाजपा नेताओं पर जांच हुई, पर कारवाई नहीं हुई. केवल यहां के आदिवासी और मूलवासी को ही जांच के दायरे में ही लाया गया.

कल्पना सोरेन की तब जांच क्यों नहीं करायी :

रघुवर दास ने कल्पना मुर्मू सोरेन पर सीएनटी एक्ट का उल्लंघन कर जमीन लेने का आरोप लगाया है. इस पर श्री भट्टाचार्य ने कहा कि अब छत्तीसगढ़िया ये डिसाइड कर रहा है कि राज्य का जनजाति कौन है और कौन नहीं.

भाजपा और झामुमो प्रवक्ताओं का अपमान :

सुप्रियो ने कहा कि रघुवर जी ने पार्टी के प्रवक्ताओं को भोंपू कहा है. यह न केवल झामुमो के कार्यकर्ताओं, बल्कि भाजपा के कार्यकर्ताओं व प्रवक्ताओं का अपमान है, जो अपनी पार्टी की विचारधारा को बचाने के लिए जनता के समक्ष अपनी बातों को रखते हैं.

इधर, सरयू बोले पूर्व सीएम व सीएस की भूमिका की भी हो जांच

विधायक सरयू राय ने कहा है कि मनरेगा घोटाले में पूजा सिंघल को आरोप मुक्त किये जाने के मामले में तत्कालीन सीएम व मुख्य सचिव की भूमिका की जांच हो. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि इडी उनकी भूमिका की जांच करे या सीएम हेमंत सोरेन इसकी जांच का आदेश एसीबी को दें. सरयू राय ने लिखा है कि पूजा सिंघल जिस मनरेगा घोटाले में गिरफ्तार हुई हैं, इस मामले में पूर्व की सरकार ने उन्हें आरोप मुक्त कर दिया था, जबकि कार्मिक सचिव ने इस पर प्रतिकूल मंतव्य दिया था.

Posted By: Sameer Oraon

Next Article

Exit mobile version